नई दिल्ली। सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को दी गई मान्यता को निलंबित कर दिया है। यह मान्यता तब तक निलंबित रहेगी जबतक आईओए आजीवन अध्यक्ष के रूप में सुरेश कलमाडी और अभय चौटाला की नियुक्ति का निर्णय बदलता नहीं है।
निलंबन के बाद, राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (एनओसी) के रूप में आईओए के विशेषाधिकार समाप्त हो जाएंगे। आईओए को सभी सरकारी सहायता, वित्तीय या अन्य सहायता भी बंद कर दी जाएगी।
27 दिसम्बर, 2016 को आईओए की आम सभा बैठक में सुरेश कलमाड़ी और अभय चौटाला दोनों को आजीवन अध्यक्ष नियुक्त करने से संबंधित एक प्रस्ताव पारित करने के बाद सरकार ने 28 दिसंबर को आईओए को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया।
आईओए को इस कारण बताओं नोटिस का जवाब शुक्रवार शाम 5 बजे तक देना आवश्यक था। अपनी प्रतिक्रिया में आईओए ने कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए 15 जनवरी, 2017 तक के अतिरिक्त समय की मांग करते हुए कहा कि आईओए के अध्यक्ष देश से बाहर हैं और इस मामले में उनसे परामर्श करने की जरूरत है।
सरकार आईओए की ओर से मिली प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं है क्योंकि उसने विशेषकर सुरेश कलमाड़ी और अभय चौटाला की गैर-पात्रता के संबंध में कोई ठोस जवाब नहीं दिया है। सरकार का मानना है कि आईओए का जवाब कुछ और नहीं, बल्कि अतिरिक्त समय प्राप्त करने की एक चाल है।
यह मूल खेल संस्था आईओए की ओर से सुशासन के मानकों का एक गंभीर उल्लंघन है, इसलिए इस दिशा में तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने की जरूरत है क्योंकि यह राष्ट्रीय प्रतिष्ठा और जनता की भावनाओं का विषय है।