लखनऊ। सपा के शक्ति प्रदर्शन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विजेता घोषित होने के बाद पार्टी के कई नेताओं की धड़कने तेज हो गई हैं। खबर है कि अमर सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा और शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर अखिलेश को फिर से पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
सूत्रों की माने तो सपा मुखिया मुलायम और अखिलेश के बीच हुए समझौते में अमर सिंह को पार्टी से बाहर करने की बात हुई है। बताया जाता है कि समझौते के दौरान अखिलेश ने मुलायम के सामने अमर सिंह को बाहर करने की शर्त रखी। उनका कहना था कि अमर सिंह ही परिवार में पैदा हुए सारे विवाद की जड़ हैं।
वैसे सपा परिवार में पैदा हुए इस विवाद का सर्वाधिक फायदा पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को मिला है। वह अमर सिंह को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते।
खबर है कि जैसे ही अखिलेश ने मुलायम के सामने अमर सिंह को बाहर करने की शर्त रखी, आजम अंदर ही अंदर खुश हो गए और सपा मुखिया से वकालत भी की कि जिस व्यक्ति की वजह से पार्टी में अशांति पैदा हो रही हो उसे बाहर करने में ही भलाई है।
सूत्रों के अनुसार आजम के कहने पर मुलायम अमर सिंह को पार्टी से बाहर करने पर सहमत हो गए हैं। इस संबंध में आदेश कभी भी जारी हो सकता है। अखिलेश ने अपनी दूसरी शर्त में यह कहा कि वह पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं।
बेहद भावुक अंदाज में अखिलेश ने मुलायम से कहा कि मुख्यमंत्री के नाते विधानसभा चुनाव में उनका इम्तहान होने जा रहा है। ऐसे में टिकट बांटने का अधिकार उनके पास होना चाहिए। उन्होंने मुलायम को आश्वस्त भी किया कि वह चुनाव जीतकर दिखाएंगे।
बताया जाता है कि मुलायम ने अखिलेश की सारी बातें मान ली है। अब शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में इसकी घोषणा कर दी जाएगी। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष के रुप में अखिलेश यादव प्रत्याशियों की नई सूची फिर से जारी करेंगे।
गौरतलब है कि अखिलेश पहले भी सपा के प्रदेश अध्यक्ष थे। पार्टी में मचे घमासान के चलते पिछले दिनों उन्हें हटाकर शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। इस संबंध में अखिलेश कई बार खुद आरोप लगा चुके हैं कि एक बाहरी (अमर सिंह) के कहने पर पार्टी मुखिया ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की थी।
सूत्र बताते हैं कि शनिवार को हुए घटनाचक्र के बाद अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी जैसे लोगों की भी धड़कनें तेज हो गई हैं। अखिलेश के विरोध के चलते अब इन लोगों का टिकट कट सकता है। वहीं अखिलेश गुट के वे लोग जिनका मुलायम की सूची से नाम गायब था, उन सबकी टिकट मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। मुलायम के पुराने साथी बेनी प्रसाद वर्मा भी इस सुलह से परेशान हो सकते हैं।
दरअसल मुलायम ने मुख्यमंत्री के करीबी मंत्री मंत्री अरविन्द सिंह गोप का टिकट काटकर बाराबंकी के रामनगर सीट से बेनी वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को शिवपाल के कहने पर दे दिया था। इसी तरह मुख्यमंत्री के करीबी मंत्री रामगोविंद चौधरी और पवन पाण्डेय को भी अब टिकट मिल सकता है।
मुलायम की सूची में इन सब का टिकट काट दिया गया था। चौधरी बलिया के बांसडीह विधानसभा क्षेत्र से कई बार के विधायक हैं जबकि पाण्डेय अयोध्या से पिछला चुनाव जीते थे।