नई दिल्ली। नोटबंदी का असर अब कंपनियों की बिक्री पर भी दिखने लगा है। बजाज ऑटो ने स्वीकारा कि उसकी ब्रिकी में 22 फीसदी की कमी आई है। इतना ही नहीं उसका निर्यात भी 27 फीसदी कम हुआ है।
सरकार द्वारा नोटबंदी की समय सीमा (30 दिसम्बर, 2016) के बाद अब कंपनियां अपने बिजनेस को लेकर नफे-नुकसान की गणना कर रही हैं।
बजाज ऑटो ने स्वीकारा कि नोटबंदी के इन दिनों के बाद उनकी ब्रिकी में 22 फीसदी की कमी आई है। ये कमी खासतौर पर देश के ग्रामीण क्षेत्रों में दर्ज की गई हैं।
कंपनी सूत्रों के मुताबिक बजाज ऑटो की ब्रिकी दिसम्बर, 2015 में दो लाख 89 हजार में थी, जो नोटबंदी के बाद दिसम्बर, 2016 में गिरकर सवा दो लाख हो गई।
कंपनी सूत्रों के अनुसार मोटरसाइकिल की ब्रिकी में 18 फीसदी की कमी देखी गई। वहीं बजाज के कर्मशियल वाहनों की ब्रिकी में 46 फीसदी गिरी।
इतना ही नही नोटबंदी का असर कंपनी के निर्यात पर भी दिखा है। कंपनी का निर्यात 27 फीसदी कम हुआ है। पिछले साल इसी अवधि में डेढ़ लाख वाहनों से गिरकर बस एक लाख वाहन तक रह गया।
बजाज ऑटो देश की अग्रणी वाहन निर्माता कंपनी है, जो दोपहिया और वाणिज्यिक वाहन बाजार में बड़ी हिस्सेदारी रखती है।