बैतूल। सरकार बेटी बचाने चाहे कितनी ही योजनाएं चला रही हो। बेटियों को बचाने लाख प्रयत्न कर रही हो, लेकिन समाज में आज भी कुछ पत्थर दिल लोग ऐसे हैं जो बेटियों को अब भी बोझ मानते हैं।
ऐसी ही एक पत्थर दिल मां ने मंगलवार सुबह प्रसव के मात्र दस घंटे बाद अपनी पूर्ण रूप से स्वस्थ्य नवजात बेटी को जिला अस्पताल के पीएनसी वार्ड में छोडक़र चली गई। लगभग 4 घंटे बाद भी जब मां वापस नहीं लौटी तो वार्ड की नर्सो ने अस्पताल पुलिस चौकी में नवजात को लावारिस छोडऩे की सूचना दी और नवजात को पीएनसी वार्ड से एसएनसीयू में शिफ्ट किया गया।
डॉक्टरों के अनुसार नवजात पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है एवं उसे फीडिंग भी करवाई जा रही है। पुलिस मां की तलाश कर रही है। सोमवार शाम लगभग साढ़े सात बजे एक गर्भवती महिला को एक युवक प्रसव करवाने जिला अस्पताल लेकर आया। युवक ने महिला का नाम अनिता पति उमेश निवासी कनारा बैतूल लिखवाया है।
युवक की फोटो भी ओपीडी के कैमरे में खींची गई है। अनिता नाम की महिला को 2 जनवरी शाम 7.40 बजे जिला अस्पताल में भर्ती किया। जहां उसने मध्यरात्रि 12.40 बजे स्वस्थ्य पुत्री को जन्म दिया। नवजात पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है एवं उसका वजन 2 किलो 750 ग्राम है।
प्रसव के कुछ देर बार अनिता और नवजात को पीएनसी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। दस घंटे बाद लापता हुई मां जन्म के लगभग दस घंटे बाद मंगलवार सुबह लगभग दस बजे अनिता पीएनसी वार्ड में ही मासूम को पलंग पर छोड़ गई। अनिता ने पलंग पर ही अपना गेटपास भी छोड़ दिया। वार्ड की नर्सो ने सोचा कि मां टायलेट वगैरह गई होगी।
इस दौरान नवजात के रोने पर जब पता किया तो मां अनिता उसे लगभग चार घंटे पहले ही छोडक़र चली गई। जिला अस्पताल में अनिता की तलाश की गई लेकिन उसका कही पता नहीं चला। तब पीएनसी वार्ड की नर्स ने अस्पताल चौकी में नवजात को लावारिस छोड़े जाने की सूचना दी।
एसएनसीयू में स्वस्थ्य है नवजात मां द्वारा छोड़ी गई नवजात वैसे तो पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है लेकिन मां द्वारा छोडक़र चले जाने पर उसे एसएनसीयू में रखा गया है। एसएनसीयू में नवजात का उपचार कर रहे डॉ. नीलेश धोटे ने बताया कि नवजात पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है। लेकिन मां के नहीं होने से उसे वार्म बाक्स में रखा गया है।
उसे आवश्यकतानुसार फीडिंग भी दी जा रही है। महिला को लाने वाला कैमरे में कैद अनिता को जिला अस्पताल लेकर आने वाला युवक जिला अस्पताल के ओपीडी में पर्ची बनाते हुए कैमरे में कैद हो गया है।
जिला अस्पताल में जितने भी मरीजों की फ्री में पर्ची कटती है ऑपरेटर द्वारा पर्ची बनाने वाले की फोटो खींची जाती है। वहीं फोटो मरीज की ओपीडी पर्ची में भी प्रिंट होकर आती।
प्रसव करवाने आने वाली महिलाओं को ओपीडी, आईपीडी शुल्क नहीं लगता है। इसके चलते उक्त युवक की फोटो भी खिंच गई जिससे पुलिस आसानी से युवक तक पहुंच सकती है। फिलहाल पुलिस पते के आधार पर महिला का पता लगाने में जुटी है।