अहमदाबाद। अहमदाबाद में बर्ड फ्लू का मामला सामने आने से प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
अहमदाबाद के पास हाथिजन गांव के आशा फाउन्डेशन में 28 दिसम्बर को 26 टर्कियों की संदिग्ध हालात में मौत हुई। जब उनके सैम्पल मध्यप्रदेश के भोपाल में स्थित लैब को भेजे गए तो सैम्पल जांच में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई है।
अहमदाबाद में 9 जनवरी से शुरू होने जा रहे वाइब्रंट गुजरात सम्मिट को लेकर प्रशासन चिंतित है। सम्मिट में देश-विदेश से विशिष्ट अतिथि आ रहे हैं।
उनको बर्डफ्लू इन्फेक्शन न हो, इसे ध्यान में रखते हुए अहमदाबाद और उसके आसपास जितने भी लोगों ने टर्की पाली है, सभी को ख़त्म करने का आदेश दिया गया है। प्रशासन ने सभी लोगों को ताकीद किया है कि अंडे और टर्की ना खाएं।
बुधवार को अहमदाबाद कलेक्टर ने आशा फाउंडेशन व्यवस्थापकों, राज्य पशु चिकित्सा अधिकारियों और प्रशासन के अधिकारियों के साथ सम्मेलन किया। अहमदाबाद कलेक्टर ने हाथिजन गाव के आसपास का 1 किमी विस्तार को (इन्फेक्टेड) संक्रमित क्षेत्र ज़ोन घोषित कर दिया है।
दो मेडिकल टीम को 24 घंटे के लिए तैनात रखा गया है। इसके अलावा हाथिजन गांव के 10 किमी वाले इलाके को लेकर हेल्थ रेडअलर्ट जोन घोषित कर दिया गया है। इसके अलावा अहमदाबाद जिले के 36 गांव में सर्वे किया गया है।
अहमदाबाद जिला कलेक्टर अवंतिका सिंह ने कहा कि आशा फाउंडेशन में मरी 26 टर्कियों के सैम्पल में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि के बाद केंद्र सरकार की गाइडलाइन, 2015 के अनुसार सतर्कता के उपाय किए जा रहे हैं।
गिनी फाउल समेत 900 से ज्यादा पक्षियों को मारा गया है। नल सरोवर समेत सभी बर्ड सेंचुरी को अलर्ट किया गया है। अहमदाबाद में बर्ड फ्लू के खतरे को चलते सिविल अस्पताल में 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है।