लखनऊ। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने समाजवादी पार्टी में मचे घमासान पर कहा कि पिता और पुत्र के बीच बगावत ठीक नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मुलायम समझदार आदमी हैं, वह इसका हल निकाल लेंगे।
कल्याण यहां अपना जन्मदिन मनाने आए हुए हैं। उन्होंने दो माॅल एवेन्यू स्थित अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में यह बात कही। जब कल्याण से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बीती 2 जनवरी की परिवर्तन महारैली के दौरान उनकी प्रशंसा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि लखनऊ में आयोजित वह रैली उत्तर प्रदेश के इतिहास में अब तक सबसे बड़ी थी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यूपी में चुनाव का बिगुल बज चुका है लिहाजा संवैधानिक पद पर होते हुए वह कोई राजनीतिक बयान नही देंगे। हालांकि इस दौरान उन्होंने इशारों इशारों में ही यह कह दिया कि उनके प्रशंसक समझदार हैं और उनको पता है कि उन्हें क्या करना है।
कल्याण के राजधानी पहुंचने के बाद से पूरे दिन उनसे मिलने वालों का तांता लगा रहा। इस दौरान कई भाजपा नेता भी उनसे मिलने पहुंचे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने जहां उन्हें फोन कर बधाई दी। वहीं राज्यपाल राम नाइक ने कल्याण सिंह को उनके जन्मदिन पर फूलों का गुलदस्ता भेंट किया।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को जनपद अलीगढ़ के मधौली गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम तेजपाल सिंह और मां का नाम सीता था। कल्याण सिंह ने धर्म समाज डिग्री कॉलेज अलीगढ़ से बीए, एलटी किया है।
वह 1967 में पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए। वहीं 1985 से 2002 तक वह लगातार 6 बार विधायक चुने गए। कल्याण सिंह ने 24 जून 1991 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
वहीं 06 दिसम्बर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सरकार आने के बाद उन्हें राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया।