लखनऊ/नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी में वर्चस्व को लेकर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रो. रामगोपाल ने शनिवार शाम को चुनाव आयोग में अखिलेश के पक्ष में डेढ़ लाख पन्नों का दस्तावेज दाखिल कर इस बात का संकेत दिया कि अब पार्टी में दो फाड़ सुनिश्चित है।
चुनाव आयोग में दस्तावेज सौपने के बाद रामगोपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही सपा के असली राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनको पार्टी के 90 से अधिक सांसद, विधायक और अन्य प्रतिनिधियों का समर्थन प्राप्त है।
उन्होंने बताया कि पार्टी के 229 विधायकों में से 205 विधायकों, 56 एमएलसी और 24 में से 15 सांसद अखिलेश को सपा मुखिया मान कर उनके पक्ष में शपथ पत्र दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा पार्टी के 5731 प्रतिनिधियों में से 4400 ने अखिलेश के पक्ष में व्यक्तिगत रुप से हलफनामा दिया है।
रामगोपाल ने कहा कि चुनाव आयोग ने हमें 09 जनवरी तक का समय दिया था लेकिन ये सभी दस्तावेज जो करीब डेढ़ लाख पन्नों में है, आयोग को आज ही सौंप दिया गया। एक सवाल के जवाब में रामगोपाल ने कहा कि अखिलेश यादव पार्टी संविधान के तहत ही राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
पार्टी का चुनाव चिन्ह साइकिल अब हमें ही मिलना चाहिये। इस बीच चर्चा है कि मुलायम ने भी चुनाव आयोग को पत्र भेजकर पार्टी चुनाव चिन्ह साइकिल पर दावा ठोका है। इधर लखनऊ में सपा में सुलह को लेकर शनिवार को भी कई चक्रों में बैठकों का दौर चला लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका।
दरअसल अखिलेश यादव किसी भी हालत में अध्यक्ष पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो अखिलेश और मुलायम खेमा अलग-अलग चुनाव लड़ने की तैयारी में लग गया है। बताया जा रहा है कि मुलायम खेमे ने अपने अलग प्रत्याशी उतारने का निर्णय कर लिया है।
चुनाव आयोग में झगड़ा पहुंचने से पहले तक मुलायम सिंह सपा के 393 प्रत्याशियों का ऐलान कर चुके थे। इसमें से बहुत से अखिलेश खेमे द्वारा घोषित सूची में शामिल हैं। ऐसे में लगता है कि दोनों तरफ से प्रत्याशियों की सूची फिर से जारी होगी।
खबर यह भी है कि अखिलेश खेमा कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगा। इसके लिए अखिलेश और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मन बना चुके हैं। राहुल अभी विदेश में हैं। उनके वापस आते ही दोनों नेताओं में मुलाकात हो सकती है। उसके बाद गठबंधन की घोषणा संभव है।