अजमेर। अजमेर शहर के पटेल मैदान में प्रस्तावित श्रीमदभागवत कथा एवं श्रीविष्णु महायज्ञ अनुष्ठान के उपलक्ष्य में सोमवार को कथा स्थल पर मानसरोवर सहित अन्य सरोवरों व पवित्र नदियों के जल से भरे विशाल शांति कलश और पार्थिव शिवलिंग का पूजन कर स्थापना की जाएगी।
भूमि पूजन व ध्वजारोहण के बाद इस धार्मिक अनुष्ठान व यज्ञ में आहुति देने वालों का कथा स्थल पर ही पंजीयन किया जाएगा।
महावीर सर्किल स्थित संन्यास आश्रम के अधिष्ठाता एवं श्रीमदभागवत कथा आयोजन के संयोजक स्वामी शिवज्योतिषानन्द ने बताया कि अजमेर में यह अपनी तरह का पहला ऐसा धार्मिक अनुष्ठान है जो धार्मिक तीर्थ यात्राओं का भी फल देता है।
विशाल कलश में पवित्र सरोवरों का जल शामिल किया गया है उनमें मानसरोवर, पम्पा सरोवर, नारायण सरोवर, ब्रह्म सरोवर, कपील सरोवर, बिन्दु सरोवर, जम्भ सरोवर सहित गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, कावेरी सहित 50 नदियों के जल सम्मिलित है।
मानसरोवर एवं अन्य धार्मिक स्थानों से विभिन्न यात्राओं के माध्यम से ढाई साल में पवित्र जल एकत्रित किए गए हैं। इस शांति कलश का पूजन व परिक्रमा नगरवासियों के लिए अदभुत व लाभकारी सिद्ध होगा। कलश स्थापना 9 जनवरी को सुबह 11:15 बजे पटेल मैदान में की जाएगी। कलश में सर्व औषधियों को भी शामिल किया जाएगा।
पार्थिव शिवलिंग स्थापना
इसी क्रम में कलश स्थापना के साथ ही कपिल सरोवर की मिट्टी से पार्थिव शिवलिंग स्थापना की जाएगी एवं कथा स्थल के शुद्धिकरण के लिए भूमि पूजन भी किया जाएगा। यहीं पर अनुष्ठान के प्रारम्भ होने के प्रतीक स्वरूप ध्वजारोहण किया जाएगा। इस कलश एवं शिवलिंग का प्रतिदिन पूजन किया जाएगा।
कथा आयोजन 12 से 20 जनवरी तक
श्रीमद भागवत कथा एवं श्रीविष्णु महायज्ञ 12 से 20 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा। नौ जनवरी को कलश स्थापना के साथ ही महायज्ञ में आहुति देने वाले जोड़ों का पंजीयन पटेल मैदान में प्रारम्भ हो जाएगा। पूज्य स्वामी भागीरथदास आचार्य जाजीवाल धोरा के सान्निध्य में श्रीविष्णु महायज्ञ का आयोजन होगा। कथा व्यास पीठ पर श्रीधाम वृन्दावन के स्वामी श्रवणानन्द सरस्वती विराजमान होंगे। यज्ञ का समय सुबह 9 से 11 बजे तक एवं कथा का समय दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक का रहेगा।
श्रीमदभगवत कथा आयोजन में पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती हरिद्वार, महंत योगी आदित्यनाथ गोरखपीठ गोरखपुर, स्वामी प्रकाशनन्द (परौर हिमाचल), अग्रपीठाधीश्वर स्वामी राघवाचार्य वेदान्ती (रेवास पीठ), स्वामी सुदेवानन्द वेदान्ताचार्य जोधपुर आदि शामिल होंगे।
मंगल कलश शोभा यात्रा
13 जनवरी शुक्रवार को मंगल कलश शोभा यात्रा गाजे-बाजे, ढ़ोल ढमाकों के साथ सुबह 11 बजे राजराजेश्वर मंदिर खाईलेण्ड मार्केट से रवाना होगी जो शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए कथा स्थल पटेल मैदान पर सम्पन्न होगी।
मंगल कलश हेतु निःशुल्क कलश दिए जाएंगे। मंगल कलश यात्रा स्थल से ही श्रृद्धालुओं को कलश उपलब्ध कराए जाएंगे। शोभा यात्रा सम्बन्धित अन्य जानकारी के लिए विमल गर्ग मोबाईल नं. 9214071182 से सम्पर्क किया जा सकता है।
संन्यास आश्रम एक दृष्टि में
संन्यास आश्रम ‘धर्म सेवा’ आध्यात्मिक तथा एतिहासिक नगर अजयमेरू सदियों से सामाजिक शिक्षा तथा शूरता के क्षेत्र में अग्रणीय रहा है। विश्व रचियता एवं जगत पिता ब्रह्माजी का विश्व में एक मात्र स्थान होने से अजमेर का महत्व अधिक बढ़ जाता है। जो भी श्रृद्धालु पुष्कर आता है उसे अजमेर आना ही पड़ता है।
स्टेशन तथा बस स्टेण्ड के समित पुष्कर के मुख्य मार्ग पर स्थित श्री संन्यास आश्रम आध्यात्म जगत में कल्पतरू के समान है। संन्यास आश्रम की सार्थकता तथा श्रीवृद्धि हेतु पूज्य स्वामी श्री शिवज्योतिषानन्द महाराज वेदान्ताचार्य की अध्यक्षता में श्रीनर्मदेश्वर संन्यास आश्रम परमार्थ ट्रस्ट का गठन किया गया जो मानव सेवा के साथ धर्म सेवा के लक्ष्य को सम्पादित करता है।
देशभर से आने वाले संत महात्माओं, भक्तजनों के ठहरने व भोजन आदि की व्यवस्था आश्रम की ओर से निःशुल्क की जाती है। आश्रम में एक प्राचीन सिद्धेश्वर महादेव (नर्मदेश्वर महादेव) मंदिर है जो भक्तों की मनोकामना पूर्ण करता है। यहां पर स्वामी शिवज्योतिषानन्द की अध्यक्षता में शिवसनातन वेद विद्यालय संचालित है। इसमें विद्यार्थियों को आवास, भोजन एवं चिकित्सा की समुचित सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई गई।
धर्म के सभी संस्कारों को सही रूप से सम्पादित किया जाए इस उद्देश्य से स्थापित इस आवासीय विद्यालय में कर्मकाण्ड मुख्य रूप से पढ़ाया जाता है। अध्यापन के लिए दो अचार्यो की नियुक्त की गई गई है जो आश्रम में रहकर विद्यार्थियों को अध्ययन कराते है।
धर्म सेवा के स्तम्भ ‘स्वामी जी’
स्वामी शिवज्योतिषानन्द महाराज का जन्म 15 मार्च 1965 में हुआ। वेदान्ताचार्य एवं समस्त धर्मग्रन्थों का अध्ययन से पूर्ण स्वामी की दीक्षा जुलाई 1980 में हुई धर्म प्रचार में रत स्वामी जी अनेक सामाजिक व धार्मिक संगठनों के संरक्षक है तो कई जगह पर मार्ग दर्शक बन धर्म और मानवमात्र की सेवा कर रहे है।
स्वामीजी मुख्य रूप से वेद विद्यालय का निःशुल्क संचालन, संगीतमय श्रीमदभागवत कथा एवं रामायण, देवी भागवत, मार्कण्डेयपुराण, शिवपुराणों का वाचन जिनकी संख्या देष व विदेष में लगभग 350 से अधिक है।
यज्ञादि के कार्य, ज्योतिष शिविरों का आयेाजन, संस्कृत सम्भाषण शिविरों का आयोजन, पौरोहित्य प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन, भारतीय संस्कृति के अनुरूप संस्कार शिविरों का आयोजन, हिन्दी का प्रचार प्रसार, पर्यावरण, गौ-सेवा के कार्य, भ्रूण हत्या के विरूद्ध कार्य तथा जीव रक्षा के कार्यक्रमों का निरन्तर प्रणयन, गरीब छात्रों को शिक्षण-प्रशिक्षण में अर्थ सहयोग, गरीब कन्याओं के विवाहों के आयोजन कराए गए, प्राकृतिक आपदा के समय वस्त्र-अन्न वितरण, अनेक धार्मिक संस्थाओं में भागीदारी, पुष्कर व कुम्भ मेलों में अन्न क्षेत्रादि के माध्यम से जन सेवा के कार्यो में स्वामी जी का सहयोग बड़े महत्व के साथ देखा गया है। इंग्लैण्ड सहित यूरोपीय देषों के साथ लगभग 28 देषों में कथा सत्संग एवं सेमिनार आदि के माध्यम से लोगों को प्रेरणा देते रहे है।