सागर/भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजनीति में परिवारवाद के विरोध के बाद अब मध्यप्रदेश में भी इसकी खिलाफत शुरू हो गई हैं। सागर में चल रही प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक में परिवारवाद के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी हैं।
वहीं राजनीति में परिवारवाद को लेकर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री पारस जैन का बेतुका बयान सामने आया हैं। मंत्री जैन का कहना हैं कि जिस तरह से राजनीति में मेरी दुर्दशा हो रही है मेरा बेटा राजनीति में कभी नहीं आएगा।
मंत्री के इस तरह के बयान से बड़े सवाल खड़े होते हैं, आखिर राजनीति में आने के बाद मंत्री को ऐसी कौनसी समस्या से गुजरना पड़ रहा है जिससे उन्होंने दुर्दशा का उल्लेख किया हैं। बात कुछ भी रही हो लेकिन मंत्री जैन के इस बयान से कहीं न कहीं प्रदेश की राजनीती पर प्रश्न चिन्ह लगा हैं।
वहीं प्रदेश के ऊर्जा मंत्री के बयान के दो मायने हो सकते हैं। जिस तरह से बीते दिनों में प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को लेकर कई मंत्री विधायकों ने सवाल उठाये हैं। ब्यूरोक्रेट्स के व्यवहार को लेकर उनकी कार्यप्रणाली को लेकर कई मंत्री परेशान हैं।
मंत्री जैन का इशारा बेलगाम नौकरशाही पर भी हो सकता है जिसको लेकर कई बार बैठकों में मंत्री विधायक खुल कर बोल चुके हैं। वहीं दूसरा सवाल यह उठता है कि क्या मंत्री राजनीति में आकर इतना परेशान हो गए कि उनकी दुर्दशा हो गई।
वहीं मंत्री का यह बयान जनता के साथ अपमान होगा। जिन्होंने उन्हें अपना प्रतिनिधि चुना हैं। अपने मर्जी से चुनाव के लिए खड़े हुए व्यक्ति को जनता ने चुना हैं। लगातार विधायक ओर मंत्री पद का नेतृत्व कर रहे हैं। सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। अब मंत्री का राजनीति में दुर्दशा की बात करना कतई शौभनीय नहीं माना जा सकता।