मुँह की सफाई करना बेहद जरुरी हैं। अगर आपके मुहं से दुर्गन्ध आती हैं तो संभल जाईये। यह खतरनाक साबित हो सकता हैं। अगर आप रोजाना मुँह की सफाई नहीं करते हैं तो आज से करना शुरू कर दे।
ऐसा करना दांतों के साथ-साथ दिल व फेफड़ों से जुड़े कई रोगों से भी निजात दिलाता है।
दांतों की सामान्य और नियमित सफाई से 50 प्रतिशत बीमारियों को दूर रखा जा सकता है। वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ. बाबू लाल कहते हैं, ‘दांतों की सही सफाई न होने पर दांतों पर परत जम जाती है, जिसमें बनने वाला बैक्टीरिया टॉक्सिन दांतों को नुकसान पहुंचाता है और सांस में बदबू पैदा करता है। ब्र्रंशग की सही तकनीक बेहद जरूरी है। सामने से अधिक दांतों के बीच की सफाई जरूरी होती है। यही वजह है कि ब्रश को ऊपर से नीचे करने की सलाह दी जाती है। ’
दिल-दिमाग से भी है संबंध
दांत में सडऩ होना, पायरिया, मुंह से बदबू आना, मसूड़ों से खून निकलना, दांतों की झनझनाहट, छाले पडऩा, मुंह का सूखना आदि सभी ओरल हेल्थ के तहत आते हैं। लंबे समय तक दांतों की सफाई में लापरवाही करना गर्दन और रीढ़ की हड्डी में दर्द, सिर दर्द, दिमागी तनाव और मुख के कैंसर जैसे रोगों का कारण बन जाता है।
मधुमेह रोग से ग्रसित लोगों के लार में पाए जाने वाले कीटाणु अधिक सक्रिय होते हैं, जिससे मसूड़े और जबड़े की हड्डी में संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है। एक शोध के मुताबिक हार्ट अटैक के 40 फीसदी मरीजों में मसूड़ों की दिक्कत देखने को मिली। हृदय के साथ $फेफड़ों का संक्रमण भी मुख में उत्पन्न बैक्टीरिया से बढ़ता है। ओरल इन्$फेक्शन में जो बैक्टीरिया होते हैं, वही बैक्टीरिया हृदय रोगों का कारण भी होते हैं।
दांत में सडऩ होना
दांत सडऩे पर उसकी सतह पर होने वाले छिद्र को कैविटी कहते हैं। जो दांत में काले व भूरे धब्बे के तौर पर दिखते हैं। इस वजह से दांतों में दर्द होता है। लंबे समय तक उपचार न कराने से दांतों में सडऩ, मसूड़ों में सूजन, जबड़ों में और सिर में दर्द की शिकायत हो सकती है।
उपचार में देरी करने पर कृत्रिम दांत लगवाने की नौबत तक आ सकती है। इससे बचने के लिए खाने-पीने के बाद कुल्ला करें। दिन में दो बार दांत साफ करें। फ्लॉस करें। धागे की मदद से दांतों में से फंसा अंश निकालना फ्लॉभसग कहलाता है। दर्द होने पर बर्फ से सिंकाई करें।
मुंह से दुर्गंध आना
नियमित व ढंग से दातों की सफाई ना किए जाने पर यह बीमारी उत्पन्न हो जाती है। दांतों में पायरिया लग जाता है, जिससे मसूड़ों से खून तो आता ही है, साथ ही ब्रश करने के कुछ समय बाद ही मुंह से दुर्गंध आने लगती हैं। ब्रश करते समय हमेशा नरम ब्रश का ही इस्तेमाल करें। कुछ घरेलू उपाय भी राहत देते हैं।
दांतों में झनझनाहट
ठंडी या गर्म चीजों के सेवन करने पर दातों में झनझनाहट होना एक आम समस्या है, जो इन दिनों कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिल रही है। कई बार इस कारण तेज दर्द भी होता है। इसका सबसे बड़ा कारण है मसूड़ों का ढीला होना। अनियमित खान-पान भी दांतों में झनझनाहट का बड़ा कारण है।
कुछ घरेलू उपाय
पानी में आधा चम्मच सेंधा नमक मिला लें। सोने से पहले इससे कुल्ला करें। नींबू रस और सेंधा नमक बराबर मात्रा में मिलाकर उसे दांतों के पीले हिस्से पर रगड़ें।
तुलसी का पेस्ट बनाएं, उसमें थोड़ी चीनी मिला लें। मधुमेह रोगी चीनी की बजाय शहद मिला कर मसूड़ों पर मसाज करें। पानी में शहद मिला कर गरारे करना भी लाभ देता है। सूखे आंवले को सेंक कर चूर्ण बना लें। फिर इसे सरसों के तेल में मिलाकर मसूड़ों पर मालिश करें।