नई दिल्ली। पहले अर्धसैनिक बलों के जवानों और बाद में सेना के एक जवान द्वारा वीडियो जारी करके भेदभाव, उत्पीड़न आदि का आरोप लगाए जाने के बाद इस मामले का सेना प्रमुख बिपिन चंद्र रावत ने संज्ञान लिया है।
सेना प्रमुख ने कहा है कि जवानों को वीडियो जारी करके अपनी बात रखने की जरूरत नहीं है। सेना प्रमुख ने कहा कि हर सैन्य मुख्यालय में अब शिकायत पेटी लगाई जाएगी। इसके जरिए जवान अपनी शिकायत पहुंचा सकते हैं। सेना प्रमुख ने आश्वासन दिया कि इस पेटी को वह खुद खोलेंगे।
बता दें कि बीते कुछ दिनों में सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों की ओर से कई शिकायती वीडियो सामने आए हैं। पहले बीएसएफ, फिर सीआईएसएफ और अब सेना के एक जवान ने वीडियो जारी करके उत्पीड़न की शिकायत की है।
सेना के इस जवान का नाम लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह है। इसमें उन्होंने अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से दखल देने की मांग की है।
देहरादून के 42 इन्फेन्ट्री ब्रिगेड में तैनात लांस नायक यज्ञ प्रताप सिंह ने वीडियो में कहा है कि उन्होंने जून में पीएम, रक्षा मंत्री, राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट को लिखा था। उनकी ब्रिगेड को पीएमओ की ओर से निर्देश दिए गए कि आरोपों की जांच की जाए।
सिंह के मुताबिक मामले की जांच के बजाए अधिकारियों ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। इसके अलावा, उनके खिलाफ ही जांच शुरू कर दी, जिसके तहत उनका कोर्ट मार्शल भी हो सकता है।
सिंह ने विडियो में कहा कि मैंने पीएम को लिखी चिट्ठी में कहा था कि सहायक के तौर पर काम करने वाले सैनिकों से बूट पॉलिश नहीं करवाना चाहिए।
हाल में बीएसएफ के जवान तेज बहादुर का एक वीडियो वायरल हो गया था। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि जवानों को घटिया खाना परोसा जा रहा है और अधिकारी उनके राशन को बाजार में बेच देते हैं।
वहीं, सीआरपीएफ के जवान का भी एक वीडियो सामने आया है। उसका आरोप था कि एक जैसी ड्यूटी के बावजूद उनकी अनदेखी होती है और सेना के मुकाबले उन्हें बेहद कम सुविधाएं दी जाती हैं।