सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही जिले के लोगों को गृह निर्माण के लिए सरकार की ओर से थोपी जा रही मुसीबतों से मुक्ति नहीं मिल रही है। कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने यहां पर मेसेनरी स्टोन्स की डिगिंग पर रोक लगाकर उसकी ब्लेक मार्केटिंग बढा दी थी तो भाजपा सरकार ने सिरोही और आबूरोड तहसील में बजरी की ब्लैकमार्केटिंग बढा दी है।
गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के सिरोही आगमन पर शुक्रवार को बजरी ट्रैक्टर संचालकों ने उन्हें ज्ञापन देकर बजरी की राॅयल्टी वसूलने की व्यवस्था करवाने तथा बजरी का परिवहन शुरू करवाने के लिए ज्ञापन दिया।
बजरी ट्रे्रक्टर संचालकों ने कटारिया को बताया कि प्रशासन ने सिरोही और आबूरोड तहसीलों में बजरी का परिवहन बंद करवा दिया है। ठेकेदार यहां पर राॅयल्टी नहीं ले रहा है, इसकी सजा प्रशासन यहां के लोगों को दे रहा है। सिरोही और आबूरोड में बजरी का परिवहन बंद कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि पांच साल पहले इसी तरह से सरकार ने पिण्डवाडा और आबूरोड क्षेत्र से मेसेनरी स्टोन के खनन पर रोक लगा दी थी। भाजपा के आबू-पिण्डवाडा विधायक समाराम गरासिया तो वर्तमान चुनाव मेसेनरी स्टोन के खनन को भी एक मुद्दा बनाकर लडे थे।
-मुझे ही अपने साथ रख लो
अपने पूर्व के तेवरों से इतर गृहमंत्री को शुक्रवार को व्यवहार दिखा। आमतौर पर अनमने सवालों पर गुस्सा कर जवाब देने के लिए मशहूर गृहमंत्री काफी संयमित रहे, लेकिन उनके कटाक्ष गुदगुदाते भी रहे। उन्हें ज्ञापन देने विद्यार्थी मित्रों ने उन्हें कहा कि साहब हमारा कुछ करवाओ।
इस पर गृहमंत्री ने उन्हें कहा कि सरकार ने तमाम समस्याओं को पार करते हुए विद्यार्थी मित्रों की बहाली के लिए काम किया है। इस पर विद्यार्थी मित्रों ने कहा कि कब तक करवाओगे आप हमारी नियुक्ति जवाब दें, इस पर गृहमंत्री ने संयमित लहजे में कहा कि जब तक नियुक्ति नहीं होवे मुझे ही साथ ले चलो। इस पर सभी लोग हंसने लगे।
-एमआई टैंक के घोटाले को दिया ज्ञापन
गृहमंत्री को जिले में एमआई टैंकों के निर्माण में हुई अनियमितता को लेकर भी ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन देने वालों ने बताया कि पूर्व में भी इनके लिए प्रशासनिक अधिकारियों को रिपोर्ट दी गई, लेकिन उन पर क्या कार्रवाई हुई कोई जानकारी नहीं दी गई।
-पशुपालकों पर हुए हमले को लेकर दिया ज्ञापन
पशुपालन बोर्ड के सदस्य नारायण देवासी ने गृहमंत्री को मध्यप्रदेश में आहोर के पशुपालकों पर हुए हमले और लूट के सम्बंध में ज्ञापन दिया। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार मध्यप्रदेश के संबंधित थाने के पुलिस अधीक्षक से वार्ता करके राजस्थान के आहोर जिले के पशुपालकों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करावाएं।
-तू कौन मै खामखा
गृहमंत्री के मीटिंग खतम करने के बाद पुलिस अधीक्षक संदीपसिंह चैहान ज्ञापन देने वालों की व्यवस्था के लिए मीटिंग हाॅल ेसे बाहर आ गए। वह अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ लोगों से ज्ञापन दिलवाने की व्यवस्था करवाने के लिए बात कर रहे थे कि पास ही में टेंट के पास खडे एक मनोनीत नेता आए और उन्हें एडवाइजरी जारी करने लगे कि ज्ञापन यहां पर वहां दिलवाएं, वहां नहीं यहां दिलवाएं।
न तो उनकी बात पुलिस अधिकारियों ने ध्यान दी और न ही बाद में मीटिंग हाॅल से निकले गृहमंत्री ने उनको तवज्जो दी। जो व्यक्ति जनता के वोट से चुनकर कभी जनप्रतिनिधि नहीं बन सका, मनोनयन के बाद उनकी इस तरह फटे में टांग अडाने की हरकत पर परिसर में मुस्कुराने वाले लोगों भी कमी नहीं थी।