जयपुर। मकर संक्रांति पर शनिवार को गुलाबी शहर का आसमान पतंगों से रंगीन हो गया। पतंगों में आसमान छूने की होड़ सी लग गई। शहर के हर दिल पर पतंगों का रंग चढ़ गया। सुबह से ही छतों पर वो काटा वो मारा का शोर गूंजने लगा।
लोग सुबह से देर शाम तक छतों पर ही नजर आए। बच्चे हो या वृद्ध सभी में पतंगबाजी का जोश देखते ही बन रहा था। लोग खानापीना भूल कर पंतग उड़ाने में मशगूल दिखाई दिए। लोग छतों पर म्युजिक सिस्टम लगा का त्योहार का आनंद उठा रहे थे। खाने पीने का दौर भी छतों पर चलता रहा।
शहर में दिन में पतंगबाजी तो रात में आतिशबाजी हुई। पिछले कुछ दिनों से तेज सर्दी से आज मिली राहत का असर छतों पर देखने का मिला। हवा ने भी पतंगबाजों का साथ दिया। शहर में पतंगों की होड़ देखने के लिए आंखे आसमान पर जमी रहीं।
शनिवार को सुबह 7.40 बजे सूर्यदेव ने धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर लिया। कई वर्षों के बाद संक्रांति पर सर्वार्थ सिद्धि योग अमृत सिद्धि योग के साथ चंद्रमा कर्क राशि में और अश्लेषा नक्षत्र व प्रीति तथा मानस योग रहा।
जहां शहर में पतंगबाजी से शहर में उत्साह का माहौल रहा वहीं पतंगबाजी का शौक कुछ लोगों पर भारी भी पड़ गया। शहर में पचास से अधिक लोग मांझे के कटने से घायल हो गए। दर्जनों लोगों और बच्चों को माझे से गला कटने के कारण एसएमएस अस्पताल समेत कई निजी अस्पतालों में इलाज के लिए जाया गया। मांझे के कटने से सैंकडो पक्षी भी घायल हो गए।
जलमहल की पाल पर मनाया पतंग उत्सव
मकर संक्रांति’ के अवसर पर जयपुर में राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से आमेर रोड स्थित जल महल की पाल पर ‘पतंग उत्सव’ आयोजित किया गया। ‘पतंग उत्सव’ के दौरान पर्यटन विभाग द्वारा पतंगबाजी प्रतियोगिता के अतिरिक्त अनेक गतिविधियां आयोजित की गई जिनमें पतंगों की प्रदर्शनी, फैंसी पतंगों का डेमोंस्ट्रेशन प्रमुख रूप से शामिल थी।
इस अवसर पर पर्यटकों के लिए पतंग उड़ाने के लिए पतंग एवं डोर भी उपलब्ध था। उत्सव के दौरान स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी को आकर्षित किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कच्ची घोड़ी, गैर, कालबेलिया, चकरी, कठपुतली जैसे लोक नृत्यों के साथ-साथ अलगोजा, लंगा गायन, बहरूपिया, बैंड एवं रावणहत्था वादन भी प्रस्तुत किया गया।
पर्यटकों ने यहां मकर संक्रांति के पारंपरिक व्यंजन ‘तिल के लड्डू’ और दाल के पकौड़े के साथ-साथ ऊंटगाड़ी की सवारी का आनंद भी लिया। बाद में, पर्यटन निदेशक ने पतंगबाजी प्रतियोगिता की विजेता टीम आमेर काईट क्लब को पुरस्कार प्रदान किया। रनर टीम जंतर मंतर काईट क्लब था। पर्यटन निदेशक ने एक साथ 100 पतंग उड़ाने के लिए मोहम्मद सईद खान को एक स्मृति चिन्ह भेंट किया।
पतंगबाजी से मेट्रो का संचालन प्रभावित
शहर में मकर संक्रांति पर हुई पतंगबाजी का असर मेट्रो के संचालन पर भी पड़ा। मेट्रो के ओवरहेड बिजली केबल में पंतग और डोर फंसने के कारण शनिवार को सात बार ट्रिपिंग की समस्या हुई। इस कारण एक ट्रेन को करीब एक मिनट तक रोकना पड़ा, जबकि दो ट्रेनों को रूट से हटाना पड़ा।
जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के निदेशक संचालन सी.एस. जिंगर से मिली जानकारी के मुताबिक तारों में मांझा व पतंग उलझने के कारण सात बार ट्रिपिंग की समस्या हुई। इन ट्रेनों के छतों पर अधिक मात्रा में मांझा व पतंग उलझने के कारण बिजली की सप्लाई में समस्या आ रही थी। इसके अलावा एक ट्रेन ट्रिपिंग के कारण करीब एक मिनट तक रूकी रही।