शिमला। शिमला जिले के रोहड़ू उपमंडल के चिड़गांव तहसील के बौनवाड़ी (तांगणू) गांव में हुये भीषण अग्निकांड में 56 घर जलकर राख हुए हैं। इस अग्निकांड में 48 परिवारों के कुल 216 लोग प्रभावित हुए हैं। अग्निकांड में करोड़ों रूपए का नुकसान हुआ है।
अग्निकांड में दस भेड़ें और चार गायों की मौत हो गई है। इस गांव में करीब 150 घर हैं। हालांकि शुरूआती सूचना के अनुसार 80 घरों के जलने का समाचार था। घटनास्थल राज्य मुख्यालय शिमला से लगभग 160 किलोमीटर की दूरी पर है और दुर्गम क्षेत्रों में से है। यहां पर हाल ही में हुई बर्फबारी के कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
इस अग्निकांड की सूचना मिलते ही से स्थानीय प्रशासन तुरंत हरकत में आया और राहत कार्य में जुट गया। रोहड़ू से दमकल के दोनों वाहन आग बुझाने में लगे रहे और एसडीएम अनुपम ठाकुर खुद हर कार्य पर नजर रखे हुए थे। उन्होंने वहां दल बल के साथ मोर्चा संभाल रखा था और प्रभावित परिवारों के लिए खाने-पीने और रहने का प्रबंध किया।
इस कार्य में स्थानीय लोगों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया औक कई परिवारों को अपने घर पर शरण दी। इसके अलावा जो लोग रह गए उन्हें तांगणू के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में रखा गया है। वहीं पर सभी प्रभावितों के खाने का प्रबंध किया गया है।
अनुपम ठाकुर ने बताया कि प्रभावित प्रति परिवार को 40 हजार रूपए प्रदान की गई है। इसके अलावा पीड़ितों को बिस्तर और और अन्य जरूरी वस्त्र भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन पीड़ित परिवारों को ठंड से बचाव का भी प्रबंध कर रहा है।
ठाकुर ने कहा कि प्रभावितों को प्रशासन ने गैस सिलेंडर, स्टोव, तरपाल, कंबल, बिस्तर और खाने पीने की तमाम सामग्री पहुंचा दी है। इसके अलावा कपड़ों का भी प्रबंध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को गांव की उच्च माध्यमिक पाठशाला व पास के दूसरे गांव में शरण दी गई है।
इस बीच भीष्ण अग्निकांड से प्रभावित हुए लोगों को राहत देने के लिए स्थानीय लोग भी बढ़ चढ़ कर मदद कर रहे हैं। जिसके पास जो उपलब्ध है, वह पीड़ितों की मदद के पहुंचाया जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने पीड़ितों के लिए अपने घरों के दरवाजे खोल दिए और उन्हें ठंड से बचाते हुये सहारा दिया। साथ ही पीड़ितों को सांत्वना भी दी। उधर, आसपास के गांवों से भी लोग मदद को पहुंच रहे हैं।