नई दिल्ली। सोशल मैसेजिंग एप व्हाट्सएप में प्राइवेसी के हनन के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और फेसबुक को नोटिस जारी किया है।
याचिकाकर्ता कर्मन्या सिंह के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट में कहा कि व्हाट्सएप और फेसबुक डाटा शेयर कर संविधान की धारा 21 का उल्लंघन कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान साल्वे ने कहा कि व्हाट्सएप और फेसबुक के 157 मिलियन यूजर हैं लिहाजा ये एक पब्लिक यूटिलिटी सर्विस है।
अगर यह पब्लिक यूटिलिटी सर्विस है तो सरकार को लोगों के व्यक्तिगत आंकड़ों की सुरक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फेसबुक और व्हाट्सएप को टेलीकॉम सर्विस प्रदाता कंपनी की तरह व्यवहार होना चाहिए। अगर ये व्यक्तिगत आंकड़ों की चोरी करते हैं तो उनका लाइसेंस रद्द किया जाना चाहिए।
हालांकि सुनवाई की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फेसबुक और व्हाट्सएप मुफ्त में सेवा देते हैं और किसी को सेवा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जाता है। लेकिन बाद में हरीश साल्वे की दलीलों को बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार और फेसबुक को नोटिस जारी किया।