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सोनिया के तजुर्बों से सीख लेने में चूक गए राहुल गांधी

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सोनिया के तजुर्बों से सीख लेने में चूक गए राहुल गांधी

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नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अगर अपनी मां व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के तजुर्बो से सीख ली होती तो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से गठजोड़ की बात शुरू करने से पहले ही सतर्क रहते और आज छला महसूस न कर रहे होते।

प्रदेश के सबसे बड़े सियासी घराने वाली सपा के नए मुखिया ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव के पैंतरों को बड़ी बारीकी से सीखा है, यह सोनिया गांधी को अब बखूबी पता चल गया है। सोनिया ने अपने सियासी सफर में कभी भी या तो सपा से दूरी ही बरती अथवा उससे हाथ मिलाया तो सिर्फ अपनी शर्तों पर।

किंतु, राहुल की अगुवाई में उत्तर प्रदेश में सियासी जमीन फिर से हासिल करने की जुगत में लगी कांग्रेस के सामने अब आगे ‘कुंआ और पीछे खाई की स्थिति है।’ कुनबे में चल रही लड़ाई के मुश्किल वक्त में अपने साथ खड़ी रही कांग्रेस को अब अखिलेश भी घुटनों के बल लाने पर अड़ गए हैं।

कांग्रेस आलाकमान अखिलेश के इस बदले हुए रुख से हैरान है। सोनिया गांधी इसे लेकर नाराज भी बताई जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक गठबंधन की संभावना अब खत्म हो गई है और कांग्रेस ने 140 सीटों अपने प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक जब तक सपा का नाम और साइकिल चुनाव चिन्ह नहीं मिला था, तब तक अखिलेश ने कांग्रेस को 142 सीटें दे रखी थीं।

अखिलेश ने ये बात लिखकर कांग्रेस को दी थी लेकिन समाजवादी पार्टी और साइकिल मिलने के बाद अखिलेश ने मजबूरी बताते हुए 121 सीटें ऑफर कीं। इसके बाद जब 121 पर कांग्रेस ने हां की, तो वो 100 पर अटक गए। उनका कहना है कि, नेताजी की 38 लोगों की सूची को एडजस्ट करना है।

बताया जाता है कि कांग्रेस 110 सीटों पर भी मान गई थी, लेकिन तब अखिलेश ने कहा कि, कुछ पुराने और आज़म खान सरीखे नेताओं की सीटों की मांग आ गई है, मेरी पार्टी के कई लोग पार्टी छोड़ रहे हैं। इसलिए मैं 100 से ज़्यादा नहीं दे पा रहा।

कांग्रेस आलाकमान अखिलेश के इस बदलते रुख से नाराज और हैरान है। पार्टी का कहना है कि या तो सपा 110 सीटें देने पर राजी हो वर्ना गठबंधन नहीं होगा।

शनिवार शाम को कांग्रेस आलाकमान के साथ बैठक के बाद बाहर निकले गुलाम नबी आजाद ने गठबंधन के बारे में तो कुछ नहीं कहा लेकिन ये जरूर बताया कि बैठक में पहले और दूसरे चरण के चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया गया।

अखिलेश के बदलते रवैये से अब कांग्रेस अपनी साख को और गिराना नहीं चाहती है। लेकिन वह यह भी जानती है कि इस वक्त 403 सीटों पर लड़ना उसके लिए पहाड़ चढ़ने जैसा है।

बहरहाल, अब कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी 403 सीटों पर उम्मीदवार तय कर रही है। चर्चा यह भी है कि अखिलेश से बातचीत की कमान अब खुद प्रियंका संभाल रही हैं।