नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने शनिवार को कहा कि संघ आरक्षण के पक्ष में है और उसके मत को लेकर विवाद पैदा करने का प्रयास चल रहा है। इसके साथ ही उन्होंने एमजी वैद्य के बयान को उनकी निजी राय बताया।
एक वीडियो मैसेज जारी कर सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबौले ने कहा कि आरक्षण के विषय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मत को लेकर विवाद पैदा करने का प्रयास चल रहा है, हम इसका कड़ा विरोध करते हैं।
संघ आरक्षण के विषय में क्या कहता है, कल जयपुर के लिटरेचर फेस्टीवल में और उसके बाद की पत्रकार वार्ता में मैंने स्पष्ट किया था।’ संघ के स्वयंसेवक एवं मनमोहन वैद्य के पिता एमजी वैद्य के बयान पर उन्होंने कहा, ‘आज नागपुर में माधव वैद्य ने आरक्षण के विषय में जो बयान दिया है वह उनका व्यक्तिगत अभिप्राय है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उससे सहमत नहीं है।
संघ का मत तो स्पष्ट है कि अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी के लिए संविधान प्रदत्त आरक्षण जारी रहना चाहिए। उसकी आवश्यकता आज भी है और उसे जारी रहना चाहिए, यही संघ का आधिकारिक मत है।’
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को जयपुर में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख के बयान को लेकर मीडिया के हलकों में ऐसी खबरें आई थीं कि बयान आरक्षण विरोधी है। वहीं एमजी वैद्य ने आज नागपुर में कहा था कि एससी-एसटी के अलावा बाकी जातियों को मिले आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए।
आरक्षण के पक्ष में है संघ : मनमोहन वैद्य
आरक्षण के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपना रुख एक बार फिर स्पष्ट करते हे कहा है कि एससी, एसटी और ओबीसी को जाति आधारित संविधान सम्मत मिल रहा आरक्षण जारी रहना चाहिए।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जब तक हिन्दू समाज में जाति आधारित भेदभाव का व्यवहार रहेगा तब तक आरक्षण आवश्यक है, संघ की यह भूमिका संघ की तरफ से बार बार स्पष्ट की गयी है।
मजहब के आधार पर अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की बात संविधान सम्मत नहीं है और उचित भी नहीं है, यह दोनों विषय अलग अलग हैं, उन्हें मिलाकर संभ्रम निर्माण करने का प्रयास नहीं किया जाए।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को जयपुर में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख के बयान को लेकर मीडिया के हलकों में ऐसी खबरें आई थीं कि बयान आरक्षण विरोधी है।
हालांकि बाद में सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय हौसबोले ने स्पष्ट किया था कि संघ हमेशा से मानता है कि जबतक असमानता है, आरक्षण रहना चाहिए। संघ के आरक्षण विरोधी होने की बात दुष्प्रचार है।