लखनऊ। समाजवादी पार्टी से निष्कासित नेता अमर सिंह ने एक बार फिर पार्टी में हुई तख्तापलट की लड़ाई के बाद जहर उगला है। उन्होंने कहा है कि मैं छुट्टा सांड हूं, जहां हरा देखूंगा मुंह मारूंगा।
उन्होंने कहा कि मुझे खलनायक की तरह पेश किया जा रहा है, जबकि अखिलेश यादव के बुलाए अधिवेशन में मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव और अंकल अमर सिंह निकाले गए थे।
उन्होंने मीडिया के सवाल के जवाब में कहा कि अब मैं पार्टी के बाहर का व्यक्ति हूं। अगर उन्हें वापस लेना होता तो विशेष अधिवेशन में हटाते क्यों? अमर ने कहा कि अगर मुलायम कह दें कि मैं खलनायक हूं तो मान लूंगा। अगर मुलायम कह दें कि मैं अखिलेश के विरूद्ध हूं तो मान लूंगा।
अगर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी कह दें कि मैने उनसे मुलाकात में कभी भी अखिलेश की प्रशंसा के अलावा कुछ कहा तो मान लूंगा। अमर ने कहा, ‘इसका मतलब यह नहीं है कि मैं आवेदन कर रहा हूं।
नायक नहीं खलनायक हूं मैं, अमर सिंह जुल्मी बड़ा दुखदायक हूं मैं।’ अमर सिंह ने मीडिया से कहा कि मेरा ज्यादा बोलना ठीक नहीं है। जब बोलूंगा तो लोग कहेंगे कि मैं बोलता हूं। बोलने और करने का इन्तजार कीजिए। हर लड़ाई जीतने के लिए नहीं होती है। कुछ हारने के लिए भी होती है।
उन्होंने कहा कि मुलायम ने मुझे 24 साल का संसदीय जीवन दिया। अब उन्होंने अखिलेशवादी होकर मुझे अकेला छोड़ दिया है। अब मैं स्वतंत्रता का आनंद लूंगा। खुल कर बोलूंगा। मैं मुख्यमंत्री की परवाह नहीं करता, मैं मुलायम के बेटे की परवाह करता हूं।
अमर ने रामगोपाल के बयान का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने बोला कि अमर आ गए तो सुरक्षित वापस नहीं जा पाएंगे, हालांकि इसके बाद केन्द्र सरकार ने उनकी सुरक्षा और बढ़ा दी। आखिर जिसकी कब्जे में सत्ताधारी दल हो, वह नेता ऐसा बयान दे तो सुरक्षा बढ़नी ही थी।
अमर सिंह ने सपा के चुनाव घोषणा पत्र कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं इन चक्करों में पड़ने वाला नहीं हूं। उन्होंने कहा कि रामगोपाल ने इसके अलावा यह भी कहा था कि अमर सिंह अपना भविष्य कहीं और देखें।
मेरा भविष्य ये है कि मैं रोज रात चैन से सोता हूं। सुबह की लालिमा मेरा भविष्य है। इसके अलावा कोई भविष्य होगा तो जरूर दबाकर बोलूंगा।
मीडिया मेरे क्यों पीछे पड़ी
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद अमर सिंह रविवार की अपरान्ह गढ़वा घाट में आश्रम के हरिज्ञानानंद उर्फ मलिकार बाबा के त्रयोदशाह के दौरान कभी दार्शनिक तो कभी तल्ख अंदाज में दिखे।
सपा की लगाम पूरी तरह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हाथ में आने से अलग-थलग पड़ चुके अमर सिंह ने दार्शनिक अंदाज में रामचरित मानस के अयोध्याकांड की एक चौपाई सुनाई.. तापस भेष बिशेष उदासी। फिर तंजिया लहजे में बोले कि उन्हें, पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह और शिवपाल यादव को वनवास में भेज दिया गया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश ने अपने राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम सिंह, शिवपाल यादव और मुझे हटा दिया है तो हम तो हटे हुए और कटे हुए लोग हैं। हमारे पीछे आप अपनी ऊर्जा क्यों खर्च कर रहे हैं।
कांग्रेस के साथ सपा के गठबंधन के सवाल पर ज्यादा बोलने से बचते हुए अमर सिंह ने मीडिया पर भी नाराजगी दिखाते हुए कहा कि मीडिया हर समय पीछे पड़ी रहती है।
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