नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह टीबी के मरीजों को हफ्ते में तीन बार दवाई देने के बदले सुरक्षित रूप से रोज दवा देने के नए प्रोटोकॉल को अगले नौ माह में लागू करे।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि आप वैसी दवाइयां देना जारी नहीं रख सकते जिससे लोगों की मौत हो। नौ महीने के बाद पुरानी दवाइयां नहीं दी जा सकती हैं।
पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने सरकार से कहा था कि अगले साल जून से ये कार्यक्रम लागू करने की बजाय इसे इस साल तीन जनवरी से लागू करें।
केंद्र सरकार ने कहा था इसके लिए पूरे सिस्टम को दुरुस्त करने और इस कार्यक्रम में लगे कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने की जरूरत होगी।
कोर्ट ने कहा था कि हमें ये समझ में नहीं आता कि अगर दवा का कंबिनेशन वही है तो फिर इसे सप्ताह में तीन दिन की बजाय रोजाना क्यों नहीं दिया जा सकता है।
दरअसल टीबी विशेषज्ञ डॉ. रमन कक्कड़ ने याचिका दायर कर मांग की है कि देश भर में टीबी के उपचार के लिए प्रोटोकॉल में बदलाव किए जाने की जरूरत है।
याचिका में कहा गया है कि दवा की तीन खुराक हर सप्ताह देने के वर्तमान तरीके को बदलकर रोजाना खुराक देना चाहिए।