नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि उनके भाजपा में शामिल होने की खबर झूठी है और वह इसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेंगे।
उन्होंने कहा है कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं और अखिलेश यादव के साथ हैं। उनका मकसद उत्तर प्रदेश में भाजपा को खत्म करना है।
अग्रवाल का यह बयान एक समाचार एजेंसी की उस खबर के बाद आया है जिसमें सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि नरेश अग्रवाल भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इस खबर के सामने आते ही अग्रवाल का नाम ट्विटर पर ट्रेंड होने लगा और उन्हें लेकर कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए थे।
बता दें कि राज्यसभा सांसद के तौर पर वह संसद में समाजवादी पार्टी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। पार्टी में चली वर्चस्व की लड़ाई में अग्रवाल खुलकर अखिलेश यादव के समर्थन में थे। इस दौरान पार्टी दफ्तर से लेकर चुनाव आयोग तक वह कई बार अखिलेश के साथ नजर आए।
उनके बेटे नितिन अग्रवाल को भी सपा ने हरदोई से प्रत्याशी बनाया है। इस बीच उनके असंतुष्ट होने की खबर भी कभी सामने नहीं आई। पिछले दिनों वह तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने कांग्रेस-सपा गठबंधन को लेकर अहम बयान दिया था।
उन्होंने कहा था कि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की संभावनाएं लगभग खत्म हो चुकी हैं। इसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे थे कि गठबंधन नहीं हो पाएगा, पर रविवार शाम सीटों पर बात बनते ही गठबंधन का ऐलान हो गया।
वैसे नरेश अग्रवाल की छवि एक दलबदलू नेता की ही रही है। अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में कांग्रेस में रहे अग्रवाल बसपा में भी रह चुके हैं।
2007 के चुनाव में बेटे को टिकट न दिए जाने से नाराज होकर उन्होंने सपा छोड़, बसपा का दामन थाम लिया था।
फिर साल 2011 में पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए उन्हें मायावती ने बसपा से निकाल दिया था। इसके बाद उन्होंने फिर सपा में वापसी कर ली थी।