जेद्दाह। इस्लाम की कथित तौर पर निंदा करने के आरोप में एक व्यक्ति को शनिवार को सरेआम 50 कोडे लगाने की सजा दी गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रईफ बदावी नाम के इस शख्स को शहर के बीचों बीच एक चौराहे पर हाथ पांव बांध कर लाया गया और फिर उसे 50 कोडे लगाए गए। इस दौरान वह चुपचाप खड़ा रहा।
बदावी पर आरोप है कि उसने सऊदी अरब के सबसे प्रभावी माने जानेवाले मौलवी के खिलाफ गलत टिप्पणियां करके इस्लाम की खिलाफत की है। इसके लिए बदावी को बीते साल मई में ही दस साल की कैद, दस लाख रियाल चुकाने और एक हजार कोड़े लगाने की सजा सुनाई गई थी। तब से ही बदावी का फ्री सऊदी लिबरल ब्लाग भी बंद हो चुका है। बदावी इस ब्लाग के जरिए आम जनता को इस्लाम के कट्टरपंथी सिद्धांतों और रूढियाें के खिलाफ जागरूक बनाया करता था।
मानवाधिकाराें की आवाज बुलंब करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था अमेनेस्टी इंटरनेशनल ने बदावी के खिलाफ की गई कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि बदावी के जरिए सऊदी अरब सरकार यह संदेश देना चाहती है कि देश के प्रभावी धार्मिक नेता के खिलाफ आवाज उठाने की कोई हिमाकत नहीं करे। देश की राजशाही पर धार्मिक नेता का अत्याधिक प्रभाव है।
एमेेनेस्टी का कहना है कि अमरीकी सरकार ने सऊदी अरब से बदावी की सजा खत्म करने का अनुरोध भी किया था लेकिन इसे अनसुना कर दिया गया। अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद बदावी को शनिवार को जेल से निकालकर बीच चौराहे में कोडे लगाने की सजा दी गई।
न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून की प्रवक्ता फरहान हक ने कहा है कि मून भी बदावी को दी गई सजा से काफी आहत हैं और सऊदी अरब में मानवाधिकारों के उल्लंघन की घटनाओं से चिंतित हैें।