नई दिल्ली। अपनी नई फिल्म ‘रईस’ के प्रमोशन के लिए दिल्ली पहुंचे सुपर स्टार शाहरुख खान का कहना है कि फिल्में मनोरंजन के लिए होती हैं किसी को तकलीफ पहुंचाने के लिए नहीं।
शाहरुख ने बीजेपी के एक नेता द्वारा उनके और उनकी फिल्म के खिलाफ की गई टिप्पणी पर एक निजी टेलीविजन चैनल से साक्षात्कार में कहा कि सोशल मीडिया पर लोग बहुत कुछ कहते हैं इन सब पर वह ध्यान नहीं देते। क्योंकि उनका मानना है कि बोलने की आजादी सबको है।
जहां तक सवाल फिल्मों का है वे सिर्फ मनोरंजन के लिए होती हैं किसी को तकलीफ पहुंचाने के लिए नहीं। अगर किसी फिल्म से किसी की भावनाएं आहत होती हैं तो दुख होता है। क्योंकि फिल्में किसी को परेशान करने के लिए नहीं बनाई जातीं।
शाहरुख का यह बयान भाजपा नेता विजयवर्गीय की उस टिप्पणी पर आया है जिसमें उन्होंने शाहरुख की ‘रईस’ के प्रमोशन के लिए मुंबई से दिल्ली की ट्रेन यात्रा के दौरान उन्हें देखने के लिए जगह -जगह जमा हुई भीड पर तंज कसते हुए कहा था कि दाउद भी ट्रेन से आएगा तो भीड़ जमा हो जाएगी।
उन्होंने रईस फिल्म पर भी कहा था कि ‘हमारे भारत के ‘काबिल’ किसी परदेसी के ‘रईस’ से लाख गुना बेहतर है। शाहरुख ने विजयवर्गीय के बयान को बिना कोई तवज्जो देते हुए कहा कि सनसनीखेज बातें सिर्फ फिल्मों में हो तो बेहतर है।
मैं सिर्फ हिट होने के लिए फिल्में नहीं करता। लोगाें का दिल जीतना चाहता हूं। इसलिए जहां जाता हूं भीड़ लग जाती है। मेरा पहला फर्ज है कि अच्छी फिल्में बनाऊं। दूसरा फर्ज है कि लोगों को बताऊं। तीसरा फर्ज है कि मेरी फिल्मों से काेई परेशान न हो। फिर भी यदि किसी केा दुख पहुंचता है तो तकलीफ होती है।
शाहरुख ने अपनी नई फिल्म ‘रईस’ के बारे में कहा कि यह अलग तरीके की फिल्म है। राहुल ढोलकिया ने अच्छी कहानी लिखी है। कहानी काल्पनिक है। फिल्म देखकर पता चलेगा कि यह अलग किस्म की कहानी है।
सह कलाकार नवाज सिद्धकी की अदाकारी ने फिल्म को और सशक्त बनाया है। उन्होंने कहा कि हो सकता है ‘रईस’ आमीर खान की दंगल जैसा कारोबार नहीं करे लेकिन लोगाे को दिलों को छू कर जाएगी।