काजीरंगा। असम में गेंडों के संरक्षण के लिए बने कांजीरंगा में सींग के लिए गेंडों की हत्या का सिलसिला नहीं रुक रहा है। रविवार को जंगल में दो गेंडों के शव बरामद हुए हैं। इनके सींग नहीं हैं।
सूत्रों के अनुसार काजीरंगा राष्ट्रीय अभयारण्य के बूढ़ा पहाड़ रेंज के बड़हुला वन शिविर से 200 मीटर की दूरी पर शनिवार की मध्यरात्रि को करीब 1.30 बजे दो फायर की आवाज सुनाई देने पर सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान मृत अवस्था में एक मादा गेंडा मिली। सुरक्षाकर्मियों के पहुंचने तक शिकारी उसके सींग काटकर ले जाने में कामयाब हो चुके थे। मौके से एलएमजी के दो खाली कारतूस, 303 बोर की रायफल के एक कारतूस और एके-47 का एक जीवित कारतूस मिला। इसी तरह काजीरंगा के अगरातली रेंज के एरासूति वन शिविर इलाके में भी एक गैंडे का शव बरामद किया गया। इसके भी सींग नहीं थें। इस गेंडे की हत्या तीन दिन पहले हुई बताई जा रही है। इसी वर्ष 11 दिनों में कांजीरंगा में तीन तथा एक अन्य अभयारण्य में एक गेंडे की हत्या हो चुकी है। चालू वर्ष में अब तक काजीरंगा अभ्यारण्य में तीन व अन्य एक अभ्यारण्य से एक कुल 4 गैंडों की हत्या हो चुकी है। गेंडों की हत्या पर असम के राज्यपाल ने तल्ख टिप्पणी की है तो केन्द्री गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने मामले की जांच कराने की घोषणा की है। गेंडों की हत्या को लेकर रविवार को अखिल असम छात्र संघ (आसू) ने काजीरंगा के पास विरोध प्रदर्शन किया।
ओरांग में हुई मुठभेड
ओरांग। इधर, नीचले असम के दरंग और शोणितपुर जिला के मध्य में फैले ओरांग राष्ट्रीय अभयारण्य में रविवार को अलसुबह सुरक्षाकर्मियों और अवैध शिकारी के बीच हुई मुठभेड में अवैध शिकारी मारा गया। उसके पास से एक 303 बोर की रायफल, जीवित कारतूस, खाद्यसामग्री और अन्य चीजें बरामद की गई हैं। माना जा रहा है कि यह शिकारी गेंडों के सींग के लिए अभयारण्य में घुसा था।
उत्तराखण्ड मे शिकारियों को लेकर सक्रियता
ऋषिकेश। शीतकाल में उत्तराखण्ड राज्य के वन्य क्षेत्रों में भी वन्य जीव और उनके अंगों के तस्करों की सक्रियता बढ जाती है। ऐसे में ऋषिकेश वन विभाग और वहां स्थिति पार्कों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने रेलवे स्टेशन, बस-स्टैण्ड, होटलों, सरायों आदि की जांच शुरू कर दी है। इसमें डाॅग स्क्वायड टीम की भी मदद ली गई।
वन रेंज क्षेत्राधिकारी गंाग सागर नौटियाल व गोहरी रेंज के पार्क क्षेत्र वन क्षेत्राधिकारी आरएम नोैटियाल के नेतृत्व मंे विभागीय टीम ने वन में जाने वाले रास्तों के नाकों व बस स्टैण पर सघन तलाशी ली। इसमें कोई संदिग्ध नहीं मिला और न ही ऐसी कोई वस्तु मिली जिससे वन तस्करों को पकडवा सके। नौटियाल ने बताया कि सर्दियों में वन तस्करों के सक्रिया होने की संभावनाएं रहती हैं इसलिए एहतियात बरती जाती है।