नई दिल्ली। यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद मेघालय के राज्यपाल वी. षणमुगनाथन ने इस्तीफा दे दिया है। षणमुगनाथन पर कार्रवाई करने के लिए राजभवन में काम कर रहे करीब 100 कर्मचारियों ने बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी।
इतना ही बल्कि नौकरी पाने की प्रत्याशी एक महिला ने भी राज्यपाल पर आरोप लगाया था कि वह जब राजभवन में साक्षात्कार देने आई थी तो राज्यपाल ने उसके साथ अनुचित व्यवहार किया था।
राजभवन कर्मचारियों ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल ने राजभवन को यंग लेडीज़ कल्ब बना दिया था। राजभवन के कर्मचारियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लिखा कि राज्यपाल ने राजभवन की गरिमा से गंभीर समझौता किया है और इसे यंग लेडीज़ क्लब बना दिया है।
ये एक ऐसी जगह बन गई है जहां लड़कियां राज्यपाल के सीधे आदेश से आती जाती हैं, कई लड़कियों की पहुंच सीधे उनके बेडरूम तक है। जिससे राजभवन के कर्मचारियों को ‘मानसिक तनाव और तकलीफ़’ हुई है।
कर्मचारियों का आरोप है कि ‘राज्यपाल की हरकतों से राजभवन की प्रतिष्ठा और राजभवन के कर्मचारियों की भावनाएं आहत हुईं हैं।’ पत्र में लिखा गया है कि इन हरकतों से गंभीर रूप से राजभवन की प्रतिष्ठा की अनदेखी’ की गई है।
पांच पन्नों की इस चिट्ठी में राजभवन के कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि नाइट शिफ्ट में दो जनसंपर्क अधिकारी, एक बावर्ची और एक नर्स को नियुक्त किया है और ये सभी महिलाएं हैं।
राज्यपाल ने अपने काम के लिए सिर्फ महिलाओं का ही चयन किया, निजी सचिव पुरुष अधिकारी को अपने सचिवालय भेज दिया है। इस बीच महिला कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को हटाने की मांग करते हुए यहां हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया था और उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किए गए।
मालूम हो कि मई 2015 में मेघालय के राज्यपाल के रुप में शपथ लेने वाले षण्मुगनाथन ने गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश में गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया था। ज्योति प्रसाद राजखोवा को हटाए जाने के बाद पिछले साल नवंबर में उन्हें अरुणाचल प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था।