सबगुरु न्यूज-सिरोही। जालोर सांसद देवजी पटेल के भाई और माउण्ट आबू पालिकाध्यक्ष का माउण्ट आबू में माॅनीटरिंग कमेटी की स्वीकृति से ज्यादा निर्माण को तोडने के मामले में जांच करने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में डिविजनल कमिश्नर रतन लाहोटी ने कहा कि माउण्ट आबू में एनजीटी के आदेशानुसार ही काम होगा। वहां पर किए गए अवैध और अनियमित निर्माण को उन्हीं के आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी।
डिविजनल कमिश्नर ने मुख्यमंत्री के आदेशानुसार तोडफोड की जांच के लिए आने की बात को नकारते हुए कहा कि यह उनका रुटीन निरीक्षण है। उन्होंने कहा कि माॅनीटरिंग कमेटी की बैठक वह माउंट आबू में ही लेते हैं। लीगल इश्यू लीगल प्रोसेजर के अनुसार ही निपटेंगे।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के दोनों जनप्रतिनिधियों के मकान में कथित अवांछित निर्माण तोडने के दूसरे दिन कई भाजपा नेता जयपुर में मुख्यमंत्री से मिलने गए थे। इसके बाद यह बात सामने आई थी मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच के लिए डिविजनल कमिश्नर को निर्देश दिए हैं।
-सांसद ने कहा उन्हें मुख्यमंत्री की जांच का पता नहीं
कलक्टरी सभा भवन में हुई बैठक के बाद बाहर निकले सांसद देवजी पटेल ने माउण्ट आबू में उनके भाई के मकान तोडने की जांच के लिए डिविजनल कमीश्नर के यहां आने के सवाल पर कहा कि उन्हें नहीं पता कि मुख्यमंत्री ने कोई जांच भेजी है क्या। उन्होंने कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि माॅनीटरिंग कमेटी और एनजीटी के नियमों के विपरीत किए गए निर्माणों को तोडा जाना चाहिए।
सांसद ने बताया कि बैठक आबू पर्यावरण समिति की थी जिसमें माउण्ट आबू सेंचुरी के चारों ओर बफर जोन की सीमा निर्धारित करने, माउण्ट आबू में वन विभाग की ओर से सनसेट रोड पर प्रवेश शुल्क शुरू किए जाने तथा सालगांव बांध के संबंध में चर्चा हुई।
-पर चर्चा यह भी
भले ही डिविजनल कमिश्नर और सांसद इस बात को टाल रहे हैं कि इस बैठक में उनके सांसद के भाई और नगर पालिका माउण्ट आबू की उपाध्यक्ष के मकान प्रशासन के निर्देश पर तोडे जाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई हो, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह मुद्दा बैठक के दौरान प्रमुखता से उठा था।
डिविजनल कमिश्नर ने तो उन नोटिसों को भी जानकारी ली जो माउण्ट आबू नगर पालिका आयुक्त की ओर से दिए गए थे और उन नियमों की भी जानकारी ली जिसके तहत यह कार्रवाई की गई।
-स्थिति सांप छछुंदर सी
माउण्ट आबू में उपखण्ड अधिकारी गौरव अग्रवाल के आदेश पर सांसद देवजी पटेल के भाई और माउण्ट आबू नगर पालिका की उपाध्यक्ष के मकान पर की गई कार्रवाई के मामले में प्रशासन और सरकार की सांप छछुंदर सी स्थिति है।
यदि सरकार और उसके नुमाइंदे इस मामले में भाजपा नेताओं के कहे अनुसार कार्रवाई नहीं करें तो उनकी पार्टी के लोग खफा हो जाते हैं। यदि कार्रवाई करें तो विपक्ष को मौका मिल जाएगा कि सांसद के भाई और भाजपा नेत्री के खिलाफ कार्रवाई करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई करके भाजपा ईमानदार अधिकारियों का उत्पीडन कर रही है।
-माॅनीटरिंग कमेटी के सदस्य भी उपस्थित
डिविजनल कमिश्नर भले ही यह दावा कर रहे हों कि उन्होंने माॅनीटरिंग कमेटी की बैठक नहीं ली, लेकिन इस बैठक में माउण्ट आबू माॅनीटरिंग के अध्यक्ष डिविजनल कमिश्नर थे। इनके अलावा सचिव जिला कलक्टर अभिमन्युकुमार, उपखण्ड अधिकारी माउण्ट आबू, माॅनीटरिंग कमेटी के सदस्य सांसद देवजी पटेल, चेतन चारण व सौरभ गांगडिया भी मौजूद थे। माॅनीटरिंग कमेटी के नियमों के अनुसार इसमें 12 सदस्य हैं और अध्यक्ष समेत पांच सदस्य होते ही बैठक का कोरम माना जाता है। पर्यावरण समिति की बैठक थी तो माॅनीटरिंग कमेटी के दो सदस्यों की उपस्थिति के कारण अस्पष्ट हैं।