भोपाल। शनिवार को सीबीआई की अदालत ने शहला मसूद हत्याकांड मामले में जाहिदा परवेज, सबा फारुखी, शाकिब और ताबिश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जबकि एक आरोपी इरफान को सरकारी गवाह बन जाने के कारण बरी कर दिया गया।
दरअसल, भोपाल की आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की हत्या प्रेम त्रिकोण के चलते हुई थी। बता दें कि वर्ष 2011 में शहला की हत्या हुई थी, उस समय इस मामले में पूर्व विधायक ध्रुवनारायण सिंह का नाम उछला था। बताया जाता है कि शहला और ध्रुवनारायण सिंह की नजदीकियां जगजाहिर थीं, इसी कारण जाहिदा काफी परेशान थी और इसी के चलते उसने शहला की मौत की साजिश रच डाली।
उसने अपनी सहेली सबा फारुखी की मदद से यूपी के शातिर बदमाश शाकिब अली उर्फ ‘डेंजर’, इरफान और कातिल ताबिश को इस काम के लिए मोहरा बनाया और हत्याकांड को अंजाम दिया। पुलिस ने शहला की हत्या के संदेह में 35 वर्षीय जाहिदा परवेज को 2012 में गिरफ्तार कर लिया गया।
जाहिदा भोपाल में आर्किटेक्चर फर्म चलाती थी। कहा यह गया कि शहला मसूद की पूर्व विधायक सिंह से बढ़ती नजदीकियों से परेशान होकर इंटीरियर डिजाइनर जाहिदा ने उसे मरवा दिया। सीबीआई की जांच में इस प्रेम त्रिकोण का पता चला था।
सीबीआई रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी जाहिदा भी उसी विधायक से प्रेम करती थी। 29 फरवरी 2012 को सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर केशव कुमार के हाथ जाहिदा की पर्सनल डायरी लगी जिसमें 16 अगस्त 2011 की तारीख में लिखा था कि उसे उसके घर के बाहर मार दिया गया।
उसमें आगे लिखा था, ‘मारने’ के लिए अली नामक शख्स को भेजा था उसने फोन पर मुबारक बाद दी और कहा कि हमने उसे उसके घर के दरवाजे पर ही मार दिया।’ जिसके बाद जाहिदा ने इस बात की पुष्टि के लिए एक और आदमी को भेजा।
सीबीआई की लंबी जांच पड़ताल के बाद शहला की मौत के पीछे त्रिकोणीय प्यार की वजह का पर्दाफाश हुआ। सीबीआई को जाहिदा के पर्सनल डायरी से तत्कालीन विधायक के साथ उसके शारीरिक संबंधों का पता चला, साथ ही उन्हें ग्राफिक सीडी रिकॉर्डिंग व अन्य चीजें मिलीं जो इस बात के पुख्ता सबूत थे।
जाहिदा परवेज की शादी भोपाल के सबसे रईस खानदान में हुई थी। गवाहों के बयानों के मुताबिक जाहिदा ध्रुवनारायण सिंह को इतना पसंद करती थी कि उसके लिए उसके दिल में पागलपन सवार था। जाहिदा यह नहीं चाहती थी कि उसके अलावा ध्रुव के साथ किसी और महिला का संबंध हो।
जाहिदा को पता चला था कि ध्रुव के शहला से भी गहरे संबंध हैं। जाहिदा ने ध्रुव से कहा था कि वह किसी अन्य महिला से संबंध नहीं रखे, इस पर ध्रुव ने कहा था कि वह राजनीति में है और उनके संबंध सबसे हैं। इस मामले में सीबीआई ने सभी सबूतों को अदालत में रखा और सीबीआई कोर्ट में मामले की 137 सुनवाई हुई।
इस दौरान सीबीआई ने कुल 83 गवाहों के बयान दर्ज करवाए। वहीं एक आरोपी इरफान को सरकारी गवाह बनाकर अदालत में पेश किया गया, जिसने सीबीआई को हत्याकांड के सच तक पहुंचने में काफी मदद की। इसी आधार पर शनिवार को अदालत ने सभी चारों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
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