शिमला। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने देश में आर्थिक सुधारों की वकालत करते हुए है कि जो आर्थिक सुधार देश में हुए हैं वे काफी नहीं हैं। देश को अभी और आर्थिक सुधारों की जरूरत है।
इंद्रेश कुमार ने शनिवार को शिमला में कहा कि देश में टैक्स नाम का शब्द डर का प्राय बन गया है। कहा कि वित की शब्दावली से टैक्स शब्द को ही समाप्त कर देना चाहिए। ताकि लोग इस शब्द से डरे न और न ही काले धन को उन्हें छुपाने की आवश्कता पड़े।
आरएसएस के प्रथम वर्ष के समापन पर बोलते हुए इंद्रेश ने कहा कि टैक्स शब्द को खत्म कर इसकी जगह कल्याण कोष जैसे शब्द का प्रयोग होना चाहिए। उन्होने कहा कि सभी प्रकार के करों को समाप्त कर एक कोष की स्थापना करनी चाहिए।
आरएसएस प्रचारक ने समाज में मौजूद भ्रष्टाचार पर कहा कि हमेशा भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे की ओर जाता है। यदि देश की सरकार ईमानदार हो तो भ्रष्टाचार नहीं पनप सकता। इंद्रेश कुमार ने कहा कि आज देश में नोटबंदी की बड़ी चर्चा है। जबकि हकीकत यह है कि देश में नोटबंदी हुई ही नहीं है।
देश में सिर्फ नोबदली हुई है। क्योंकि करेंसी को समाप्त नहीं किया गया है। बल्कि बदला गया है। उन्होने बताया कि लोगों की काली कमाई बाहर लाने के लिए ही यह नोटबदली की गई है। पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि आज पाकिस्तान के 46 फीसदी लोग उससे अलग होना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि जनमत संग्रह करवाने की आवश्यता कश्मीर में नही वल्कि पाकिस्तान में है। इंद्रेश कुमार ने कहा कि संघ का लक्ष्य प्रत्येक नागरिक के चरित्र का निर्माण करना है। उन्होंने समरसता पर कहा कि छुआछुत को जो धर्म मानते है वे सबसे बड़े अधर्म करने वाले हैं।
आरक्षण के बारे में संघ की राय के बारे में उन्होंने कहा कि संघ सदा से ऐसे लोगों के विरोध में रहा है जो पैसे का उपयोग करके नौकरियां या शैक्षणिक संस्थाओं में स्थान पा जाते हैं।
उन्होंने संविधान के अंतर्गत दिए जाने वाले आरक्षण का समर्थन करते हुए कहा कि वर्षों से अपने समाज के बंधु शोषित और पीडि़त रहे हैं उनको आरक्षण की सुविधा मिलनी चाहिए।