नई दिल्ली। आयकर विभाग की एक जैसे पते, मोबाइल नवंबर तथा ई-मेल जैसी सूचनाओं को जुटाकर एक से ज्यादा पैन रखने वालों पर नजर है। आयकर विभाग इस तरह के पैन का पता लगाने के लिए आंकड़ा विश्लेषक कंपनियों का उपयोग करेगा। इस कदम का मकसद कर मामले में खामियों को दूर करना और कर चोरी को पकडऩा है।
विभाग निजी कंपनियों की मदद से पैनधारकों के बीच संबंधों का पता लगाने के लिए नोटबंदी के बाद उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण करने के लिए निजी कंपनियों से मदद लेगा। एक अधिकारी ने बताया कि विभाग की मैनेज्ड सर्विस प्रोवाइडर (MSP) की सेवा लेने की योजना है। एमएसपी विश्लेषण संबंधी समाधान उपलब्ध कराएगी जो विभिन्न जानकारियों और आंकड़ों का मिलान करेगी और उसके बीच संबंधों की पहचान करेगी। साथ ही पैन और पैन से इतर आंकड़े को एक जगह करेगी।
विश्लेषण समाधान से विभाग को बैंकों, डाकघरों और अन्य स्रोत से प्राप्त आंकड़ों को सूचनाओं को जोडऩे और फर्जी ब्योरे की पहचान में मदद मिलेगी। अधिकारी ने कहा कि यह आंकड़ों में गड़बडी के बारे में भी पता लगाएगा और उसके बारे में जानकारी देगा।
नोटबंदी के बाद के आंकड़े को जोडऩे और उनके कर रिटर्न, TDS, कर भुगतान जैसे आयकर से जुड़े आंकड़ों के मिलान का उपयोग करदाता के व्यापक प्रोफाइल तैयार करने में किया जाएगा।