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माउंट आबू में अवैधनिर्माण, वीडियोग्राफी से हडकंप

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माउंट आबू मेन निरिक्षन कर्ते गुइंटे
माउंट आबू मेन निरिक्षन कर्ते गुइंटे

माउण्ट आबू. दो सितम्बर को राजस्थान हाइकोर्ट में लगी जनहित याचिका के निर्णय की पालना में गुरुवार को उपखण्ड अधिकारी एच गुईंटे ने नगर पालिका क्षेत्र में बने व्यावसायिक परिसरो का निरीक्षण करके उनकी वीडियोग्राफी करवाई।…

कथित रूप्  से हाइकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में इन 33 व्यावसायिक परिसरों का भी नाम है, जिनमे या तो अवैध निर्माण हुआ है या फिर माॅनीटरिंग कमेटी की अनुमति के बावजूद स्वीकृत नक्शे के विपरीत जाकर इनका निर्माण करवाया है। उनके साथ नगर परिषद के सहायक अभियंता चन्द्रेष्वर कुमार तथा आरआई भी थे।

इधर वन विभाग के अधिकारी महेन्द्र सक्सेना के नेत्रत्व में एक दल ने माउण्ट आबू के आवासीय भवनों का निरीक्षण करके वीडियो और फोटोग्राफी करवाई। इन सभी भवनों की बाकायदा नाम सहित पीआईएल में शिकायत दर्ज है कि इनमें अवैध निर्माण हुआ है।

लगाएंगे रिव्यू पीटिशन

राजस्थान हाईकोर्ट में माउण्ट आबू निवासी भरत जैन ने एक जनहित याचिका लगाई थी। इस याचिका में उन्होंने माउण्ट आबू में बेरोकटोक हो रहे अवैध व नियम विरुद्ध निर्माणों से ईको सेंसेटिव जोन माउण्ट आबू के पर्यावरण को क्षति पहुंचने की दलील दी। उन्होंने इसके लिए बाकायदा नाम सहित सूची पेश की।

2 सितम्बर को राजस्थान हाईकोर्ट ने इस याचिका पर निर्णय देते हुए माॅनीटरिंग कमेटी को सूचीबद्ध भवनों का सर्वे करके इनमें नियमविरुद्ध व अवैध निर्माणों को तोडने तथा अतिक्रमणों को हटाने के निर्देश दिए। सम्भागीय आयुक्त को निर्णय पर अमल करते हुए, 27 अक्टूबर को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।

इस निर्णय के बाद शहर में अवैध निर्माण करने वाले रसूखदारों के पांव से जमीनें खिसक गई। इसके लिए तीन दिन पहले स्थानीय सांसद देवजी पटेल के साथ इन लोगों की मीटिंग हुई और बाद में पटेल ने नगर पालिका में इस संदर्भ में पार्शदों के साथ भी चर्चा की। इसके बाद इस जनहित याचिका के संदर्भ में हाइकोर्ट में रिव्यु पिटिषन भी दाखिल करने पर सहमति बनी। इसके लिए चार जनों को अधिक्रत किया गया। वैसे पालिका सूत्रों की मानें तो इस रिव्यू पीटिशन के लिए अलग से वकील करने की भी बात हुई, जिसका खर्चा नगर पालिका की ओर से वहन करने पर भी चर्चा हुई थी।

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