जोधपुर/नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को जमानत देने से इनकार कर दिया है। उनके खिलाफ एक नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप है और वो इस मामले में पिछले तीन सालों से जोधपुर जेल में बंद हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपनी सेहत की झूठी मेडिकल रिपोर्ट देने के आरोप में एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
पिछली 27 जनवरी सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि आसाराम ने जमानत के लिए जेल अधीक्षक का फर्ज़ी पत्र लगाया है। उस पत्र के मुताबिक आसाराम की हालत इतनी ख़राब है कि वो बिस्तर पर ही नित्य क्रिया से निवृत्त होते हैं।
आसाराम के वक़ील ने कहा कि वो हलफ़नामा दाखिल कर कह चुके हैं कि वह दस्तावेज़ उसे आसाराम के शिष्य ने दिया था। उसे अदालत न माने।
आपको बता दें कि आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था और तभी से वह जेल में है। एक किशोरी ने आसाराम पर आरोप लगाया था कि उन्होंने जोधपुर के निकट स्थित मनाई गांव में बने आश्रम में उसका यौन उत्पीड़न किया था।
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