सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही जिले के रेवदर तहसील के जीरावला गांव मे स्थित 2800 वर्ष प्राचीन जैनतीर्थ ‘‘श्री जीरावला पाश्र्वनाथ के नूतन पंचशिखरी जिनालय में जीरावला दादा की प्राचीन प्रतिमा को मूलनायक के रूप मे विराजमान करने का लाभ (चढावा) पावापुरी तीर्थ के संस्थापक परिवार के पी संघवी को मिला है।
2 फरवरी को इस विशाल नूतन जिनालय मे विधि विधान से हजारो साधु-साध्वियो की निश्रा मे के पी संघवी परिवार प्राचीन प्रतिमा को विराजित करेंगे। इस अवसर पर पूरे देश भर से आए हजारों भक्तांे की साक्षी में प्राण-प्रतिष्ठा एवं अंजनशलाका होगी। अनेको आचार्यों की ओर से रात्रि मे अंजनशलाका विधि के बाद सवेरे भगवान की प्रतिमा विराजित करवाइ्र जाएगी। प्रतिष्ठा के अवसर पर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी पहंुचेंगी।
-चढावा हुआ पूरा
जीरावला तीर्थ नव निर्माण समिति एवं प्रतिष्ठा समारोह समिति के अध्यक्ष संघवी बाबुकाका का सपना था कि पावापुरी तीर्थ से डेढ गुना विशाल जिनालय जीरावला में बने 31 जनवरी को चढावा पूरा हुआ। उनके अस्वस्थ होने से 3 वर्ष से सक्रिय भूमिका नही निभा रहे हैं, लेकिन उनके कर कमलो से 2 फरवरी को प्रतिमा विराजमान होगी, इसके लिए उन्हें वायुयान से लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
-प्ंाचशिखरी जिनालय मे विराजित होंगे पांच परमात्मा
तीर्थ के अध्यक्ष रमण भाई जैन ने बताया कि मूल पंचशिखरी मंदिर में अमर ध्वजा का लाभ बैगलोर के भंवरी बाई घेवरचंद सुराणा परिवार के दिलीप भाई व आनंद भाई, पाश्र्वनाथ मंदिर मे भगवान विराजमान का नरेन्द्र व सुरेन्द्र कुमार श्रीश्रीमाल चेन्नई, ध्वजा का लाभ मंगला बाई टेकचंदजी परिवार पुना, शंखेश्वर पाश्र्वनाथ को विराजमान का चढावा जेठमलजी हरकचंदजी कांकरिया परिवार कोलकाता को मिला है।
ध्वजारोहण का लाभ दांतराई के प्रकाशचंद वरदीचंद जगाणी परिवार, भगवान नेमीनाथ को विराजित करने का लाभ जीरावल ट्रस्ट के ट्रस्टी ललित कुमार भुरमलजी सादरिया परिवार पिंडवाडा एवं ध्वजारोहण का लाभ ट्रस्ट के ट्रस्टी ललित भाई बाबुलाल वनेचंदजी परिवार कोलापुर, महावीर स्वामी को विराजमान करने का लाभ मंडार के कंकु बेन ताराचंदजी दोषी परिवार एवं ध्वजारोहण का लाभ ललित कुमार भुरमलजी सादरिया परिवार पिंडवाडा ने लिया। मुख्य कलश का लाभ एस. देवराज परिवार चैन्नई को मिला हैं।
-मुख्यमंत्री करेगी जीरावला दादा के दर्शन
मुख्यमंत्री के प्रस्तावित सरकारी कार्यक्रम के अनुसार प्रतिष्ठा के दिन राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी दोपहर मे 3 बजे हेलीकोप्टर से जीरावल हैलीपेड पर उतरकर प्रतिष्ठा के बाद मंदिर मे जीरावला दादा के दर्शन करेंगी। उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करने के बाद हेलीकोप्टर से सिरोही हवाई पट्टी पहुंच कर वहां से वायुयान से जयपुर लोटेगी।
पुलिस एवं जिला प्रशासन मुख्यमंत्री के दौरे की तैयारियों में जुट गया हैं तथा आवश्यक दिशा-निर्देश जिला कलक्टर ने संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। हेलीपेड पर प्रतिष्ठा समिति एवं तीर्थ ट्रस्ट मंडल की ओर से मुख्यमंत्री का स्वागत के बाद उन्हे नवनिर्मित मंदिर मे भगवान के दर्शन करवाये जाएंगे। संभागीय आयुक्त रतनलाल लोहाटी ने भी जीरावल का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
-दादा की महिमा है गजानंदजी जैसी
जैन धर्म में इस प्राचीन तीर्थ मे विराजित जीरावला पाश्र्वनाथ की वो महिमा है जो भगवान गणेश की है। कोई भी धार्मिक आयोजन के पहले जीरावला का स्मरण कर उनका मंत्र का लेखन अवश्य किया जाता हैं।
त्यह देष का पहला नुतन जैन मंदिर होगा जिसमे किसी भी लाभार्थी का या प्रतिष्ठा मे निश्रा प्रदान करने वाले आचार्य भगवंतो का कोई नाम या शिलालेख मंदिर के अंदर नहीं लगेगा । इसी शर्त के साथ संघवी बाबु काका ने इस मंदिर के जीर्णोद्धार की घोषणा कर पहला चढावा बोलकर उसका स्वयं ने लाभ लिया। इसी शर्त के साथ आज भी बढ चढकर चढावे बोले गये। बिना नाम के भी भक्तो ने करोडो रुपयो के चढावे लेकर भगवान महावीर के सिद्धांत त्याग का परिचय दिया।
-ट्रस्ट्रियो ने रचा नया इतिहास
इस तीर्थ के जीर्णोद्धार में 75 प्रतिशत से अधिक चढावो की बोली इसी ट्रस्ट के ट्रस्ट्रियों ने लेकर एक नया इतिहास रचा है। जैन समाज के लोगो ने भी निर्माण के पहले ही भवन बनाने के चढावों मे अपार उदारता दिखाई ओर दूरभाष पर ही धर्मशालाओ मे कमरे बनवाने के नाम लिखाकर एक नई परम्परा कायम की।