नई दिल्ली। चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त में उपहार देने वाली घोषणाओं पर रोक लगाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
मामले पर अगली सुनवाई 24 मई को होगी। चीफ जस्टिस जी रोहिणी और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल ने निर्वाचन आयोग से पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश के मुताबिक चुनाव घोषणापत्र पर उसका दिशा-निर्देश क्या है?
याचिकाकर्ता अशोक शर्मा ने याचिका दायर कर मांग की है कि फरवरी और मार्च में पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में राजनीतिक दलों को मतदाताओं को गलत तरीके लुभाने के लिए मुफ्त उपहार देने से रोका जाए।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2013 में कहा था कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों का घोषणापत्र भ्रष्ट आचरण के तहत नहीं आता है लेकिन मुफ्त उपहारों की घोषणा करना सही नहीं है।