नई दिल्ली। कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम सदभावना दिवस कार्यक्रमों से हटाए जाने पर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। कांग्रेस ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान मामले को उठाते हुए इसे पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान करार दिया।
वहीं, सरकार की ओर से कहा गया कि सारे कार्यक्रमों के नाम एक ही परिवार के नाम पर नहीं हो सकते। देश के लिए दूसरे लोगों ने भी तो काफी-कुछ किया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राजीव गांधी की मृत्यु देश की एकता के लिए हुई और उनका नाम सरकार की योजनाओं से हटाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार योजनाओं का नामकरण उन लोगों के नाम पर कर रही है, जिन्होंने देश के लिए कुछ नहीं किया। आजाद ने मांग की कि राजीव गांधी का नाम तुरंत बहाल किया जाना चाहिए। कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने कहा कि राजीव गांधी का नाम सदभावना दिवस कार्यक्रमों से हटाना निहायत आपत्तिजनक है।
कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि राजीव गांधी इस देश के एक शहीद हैं और इस देश ने उनकी जयंती को सद्भावना दिवस के रूप में घोषित किया है। शर्मा ने इस मामले में जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार इस पर स्पष्टीकरण दे, यह पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान है।
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं के नाम लंबे समय तक एक खास परिवार के नाम पर नहीं रखे जा सकते। उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग हैं, जिन्होंने देश के लिए काफी कुछ किया है। सिर्फ कुछ लोगों के नाम पर योजनाओं का नाम रखा जाना संभव नहीं।