सबगुरु न्यूज-सिरोही। लाल बत्ती लगाने और नहीं लगाने को लेकर प्रदेश भर में चल रहे विवादों पर राजस्थान विधानसभा में सरकार की ओर से प्रस्तुत जवाब ने विराम लगाकर स्थिति को स्पष्ट कर दिया है।
14 वी विधानसभा के सातवें सत्र में कांग्रेस विधायक घनश्याम महर की ओर से पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में परिवहन ने बताया कि केन्द्रीय मोटर यान नियम, 1989 के नियम 108 व उच्चतम न्यायालय द्वारा एस.बी. सिविल रिट पिटीशन संख्घ्या 25237/2010 में 10 दिसम्बर, 2013 को पारित निर्णय की अनुपालना में प्रदेश में फ्लेशर युक्त लाल बत्ती लगाने के लिए आठ संवैधानिक पद पर असीन व्यक्ति तथा बिना फ्लेशर की लाल बत्ती लगाने के लिए संवैधानिक पद पर आसीन छह लोग ही अधिकृत हैं।उन्होंने बताया कि इसके लिए 7 मार्च, 2014 को अधिसूचना जारी कर दी गई है।
सरकार ने बताया कि किसी भी अपात्र व्यक्ति के द्वारा अनधिकृत रूप से वाहन पर लाल बत्ती लगाई जाती है तो उसके खिलाफ विभाग की ओर से नियमित रूप से कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिला परिषद सिरोही की बैठक मे मामला उठने के बाद परिवहन विभाग ने राजकीय वाहन पर से लाल बत्ती हटाने के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी को 10 अगस्त को पत्र लिखा था। इसके बाद तुरंत ही वाहन से लाल बत्ती हटा ली गई थी।
-यह लगा सकते हैं लाल बत्ती
(अ) लाल बत्ती (फ्लैशर सहित)
1. राज्यपाल, राजस्घ्थान
2. मुख्यमंत्री, राजस्घ्थान
3. मुख्य न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय
4. अध्यक्ष, राजस्थान विधानसभा
5. राजस्थान राज्य के केबिनेट मंत्रीगण
6. नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान विधानसभा
7. पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान
8. न्यायाधीश, राजस्थान
(ब) लाल बत्ती (फ्लैशर रहित)
1. उपाध्यक्ष, राजस्घ्थान विधानसभा
2. राजस्थान राज्घ्य के राज्य मंत्रीगण
3. एडवोकेट जनरल, राजस्थान सरकार
4. राजस्थान राज्य के उप मंत्रीगण
5. मुख्य सचिव, राजस्घ्थान
6. अध्यक्ष, राजस्थान लोक सेवा आयोग
-राज्यमंत्री और उपमंत्री नहीं लगा सकते हैं फ्लेशर
राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश के राज्यमंत्री और उप मंत्री के पद पर आसीन व्यक्ति अपने वाहन पर लाल बत्ती तो लगा सकते हैं, लेकिन वह बिना फ्लेशर के होनी चाहिए। राज्यमंत्री और उपमत्रियों के द्वारा फ्लेशर युक्त लालबत्ती लगाना अनधिकृत है।