नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आयकर विभाग ने 27 करोड़ रुपए के चंदे के बारे में आम आदमी पार्टी द्वारा तैयार ऑडिट रिपोर्ट में खामियां होने और इसके गलत होने का दावा किया है।
चुनाव आयोग को सौंपी रिपोर्ट में पिछले एक साल से ज्यादा समय से पार्टी की चंदा सूची की जांच कर रहे विभाग ने कहा है कि 2013-14 और 2014-15 के दौरान आप के चंदा रिकार्ड में तथ्यात्मक विसंगतियां हैं और विभिन्न चंदादाताओं से प्राप्त वास्तविक रकम से मेल नहीं खाता।
पार्टियां अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट की सलाह से ऑडिट रिपोर्ट तैयार करती हैं और कानून के मुताबिक आयकर विभाग को उसकी एक प्रति देती हैं। अधिकारियों ने कहा कि पार्टी के करीब 27 करोड़ रुपये के चंदा रिकार्ड में कथित तौर पर विसंगति है। साथ ही कहा कि पार्टी के कोषाध्यक्ष ने कर अधिकारियों के साथ अपने संवाद में इन रिकार्डों में कुछ भूलों की बात मानी है।
उन्होंने कहा है कि आयकर रिपोर्ट में सुझाया गया है कि यह उल्लंघन उन कर कानूनों के प्रतिकूल है जो कि आयकर कानून 1961 के तहत राजनीतिक चंदों से जुड़ा है।
अधिकारियों ने कहा है कि यह आप को आयकर कानून के तहत मिली कर छूट को रद्द करने का आधार हो सकता है और पार्टी की मान्यता रद्द करने का कड़ा कदम भी उठाया जा सकता है। लेकिन ऐसे सभी फैसले चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में हैं।
घटनाक्रम का हवाला देते हुए आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि पंजाब और गोवा में हार के डर से यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आप का पंजीकरण रद्द कराने की ‘गंदी चाल’ है। पंजाब और गोवा में शनिवार को मतदान होगा।
उन्होंने ट्वीट किया कि मोदी जी यह गंदी चाल है। गोवा और पंजाब में बुरी तरह हार के डर से उन्होंने चुनाव के 24 घंटे पहले जीतने वाली पार्टी का पंजीकरण खत्म करने की कोशिश की है।
आप पंजाब में बेहतर करने की उम्मीद कर रही है जहां कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के साथ उसका त्रिकोणीय मुकाबला है। गोवा में भी आप सत्तारूढ़ भाजपा की संभावनाओं को धूमिल करने की आशा कर रही है।