नई दिल्ली। द्वारका कोर्ट में एक फर्जी वकील पकड़ा गया है। आरोपी के पास कानून की कोई डिग्री नहीं थी। इसके बावजूद वह कोर्ट में आकर लोगों के केस भी ले रहा था। आरोपी 2010 से कोर्ट में फर्जीवाड़ा कर रहा था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी वकील की पहचान अजीतकार के तौर पर हुई है। वह मूलत: उड़ीसा का रहने वाला है और फिलहाल द्वारका सेक्टर-19 में रहता था। शनिवार को वह द्वारका कोर्ट के अंदर ही था। इस दौरान कुछ वकीलों ने उसे घेर लिया और कहना शुरू कर दिया कि वह नकली वकील है। शोर की आवाज सुनकर अंकुर नाम का शख्स भी वहां पहुंच गया।
दरअसल अंकुर की बहन का केस आरोपी वकील ही लड़ रहा था। अंकुर को जब पता चला कि उनका केस लड़ने वाला नकली वकील है तो उसने यह बात वहां मौजूद अन्य वकीलों को बताई। अंकुर ने बताया कि आरोपी अजीतकार ने उनसे केस लड़ने के लिए 50 हजार रुपये लिए थे। बाद में उसे 50 हजार रुपए और देने हैं।
इसके बाद जब इस नकली वकील के दस्तावेज व पंजीकरण संख्या की जांच की गई तो पता चला कि उसके पास कोई भी दस्तावेज नहीं था। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई, जिसके बाद द्वारका साउथ थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। आरोपी अजीतकार ने बताया कि उसने कानून की पढ़ाई की है।
जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो पता चला कि वह पेशे से अध्यापक है और कोचिंग पढ़ाता है। हद तो यह रही कि आरोपी के पास अब भी 50 से ज्यादा लोगों के केस थे। पुलिस इस मामले में उन लोगों की तलाश कर रही है, जिसकी मदद से वह वकालत करता था। पुलिस ने इस बाबत धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।