नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि देश भर के मोबाइल धारकों की पहचान रजिस्टर करें और मोबाइल नंबर के साथ उनके आधार से जुड़ी जानकारियां भी जोड़ें।
शुक्रवार को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि एक साल के अंदर आधार कार्ड के आधार पर मोबाइल नंबर के केवाईसी को अनिवार्य बनाया जाएगा। पिछली सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि मोबाइल में सिम कार्य का उपयोग बैंकिंग कार्यों के लिए किया जा सकता है।
कोर्ट ने कहा था कि ये एक अहम मसला है। अगर गलत पहचान पर मोबाइल नंबर पाने वाले लोग किसी के साथ पैसों की ठगी करते हैं तो उन्हें कैसे पकड़ा जाएगा?
एनजीओ लोकनीति फाउंडेशन ने याचिका दायर कर कहा है कि मोबाइल सिम देते समय उपभोक्ता की सही तरीके से वेरिफिकेशन होना चाहिए ताकि फ्राड से बचा जा सके। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि आप बताएं कि ये प्रक्रिया कितनी जल्दी शुरू होगी।
याचिका में कहा गया है कि सिम कार्ड देते समय सही तरीके से वेरिफिकेशन न होने से बैंकिंग फ्राड से लेकर आतंकी गतिविधियों का खतरा ज्यादा रहता है।