चंडीगढ़। जाट समुदाय के उत्थान के लिए भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली के बाद हरियाणा में आरक्षण दिया है। हरियाणा में हाईकोर्ट में अटकने के बावजूद भाजपा सरकार मजबूती के साथ जाट समुदाय के पक्ष में अपना पक्ष रख रही है।
अब हरियाणा के विपक्षी राजनीतिक दलों को भी चाहिए कि वह दलगत राजनीति से ऊपर उठें और प्रदेश का माहौल बिगाड़ने का प्रयास करने से बाज आएं। क्योंकि भाईचारा बिगाड़ने वाला आंदोलन प्रदेश के हित में नहीं है।
मंगलवार को जारी एक संयुक्त बयान में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड, परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार तथा सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने कहा कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में भी भाजपा शासन के दौरान ही जाट समुदाय को आरक्षण प्रदान किया गया था।
गत वर्ष आरक्षण संघर्ष समिति के 31 मार्च तक के अल्टीमेटम से पूर्व ही 27 मार्च को विधानसभा से बिना चर्चा बिल पास करवाया गया। आरक्षण के अदालत में अटकने के बाद भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसे अदालत से स्टे हटने के बाद कांस्टीट्यूशन के आर्टिकल नौ में डलवाने का भरोसा दिया है।
उन्होंने कहा कि बीते माह 28 जनवरी को भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खाप पंचायतों के लोगों के साथ अहम बैठक की और उनके द्वारा रखी गई मांगों को पूरा करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जाट आरक्षण पर मजबूती से पैरवी किए जाने के बावजूद कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ को पूरा करने के लिए आमजन में भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा बीते 16 साल तक अपने शासन में जाट समुदाय को उनका हक दिलाने के लिए गंभीर नहीं हुए। आज भाजपा सरकार लगातार गंभीरता से काम कर रही है तो उन्हें यह बर्दाश्त नहीं हो रही कि आरक्षण मिलने से जाट समुदाय भाजपा के पक्ष में खडा न हो जाए।
तीनों मंत्रियों ने कहा कि महज अपने राजनीतिक हित साधने के लिए इनेलो, कांग्रेस भाईचारा को दांव पर लगा रही है। प्रदेश में शांतिपूर्ण धरनों पर लोगों को भड़काने की कोशिश कर उन्होंने विरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस व इनेलो के खुले समर्थन से स्पष्ट है कि राजनीति से प्रेरित एवं षड्यंत्र के तहत आंदोलन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा प्रत्येक हरियाणवीं की सरकार है। लेकिन इनेलो और कांग्रेस जातिवाद पर उतरकर सामाजिक माहौल में जहर घोलने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार गत वर्ष आंदोलन के दौरान मारे गए निर्दोषों को मुआवजा देते हुए नौकरी देने की हां कर चुकी है। आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मामलों में 79 लोग बंद थे, जिसमें से से 11 को पिछले सप्ताह में जमानत मिल चुकी है।
32 बंदियों पर सीबीआई समेत कई जघन्य मामले दर्ज हैं। वहीं अन्य बंदी जब भी जमानत याचिका लगाएंगे तो उन्हें जमानत मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण धरनों को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के साथ तारीख रखना और सीधे तौर पर भाजपा का विरोध करने की अपील करने से आंदोलन की साजिश स्पष्ट हो रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा और सरकार का मकसद भाईचारा मजबूत रखना और हरियाणा एक-हरियाणवीं एक की नीति पर प्रदेश को आगे बढ़ाने का है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, इनेलो हरियाणा हित में काम नहीं कर रहे, जबकि उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश का भाईचारा बनाने के लिए काम करना चाहिए।