पटना। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) पर्चा लीक कांड की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी ने अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार मुख्य लोगों में कौशल किशोर, रामेश्वर कुमार, आलोक रंजन, नितीन कुमार, रामशीष राय और रामसुमेर सिंह शामिल हैं।
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि गिरफ्तार लोग बीएसएससी का पेपर परीक्षा के पहले ही लीक करते थे जो सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल होता था। एसएसपी की मानें तो पकड़े गए लोग 200 छात्रों से करीब पांच से छह लाख रुपये की डिमांड करते थे।
एसएसपी ने बताया कि पर्चा लीक किसने किया इसकी तह तक पंहुचना एसआईटी के लिए अब भी जरूरी है। विशेष जांच दल (एसआईटी) के मुताबिक सेंटर्स ने दो सौ परीक्षार्थियों का एक वाट्सएप ग्रुप बना लिया था। इसी ग्रुप के साथ नौकरी दिलाने की डिलिंग थी।
परीक्षा माफियाओं ने बताया है कि यूपी, झारखंड समेत कई राज्यों के परीक्षार्थियों से मोटी रकम ली गई है यही नहीं यूपी और झारखंड के भी कुछ सेंटर हैं, जो इसमें शामिल हैं। एसआईटी की जांच रिपोर्ट के अनुसार रामाशीष राय ने सारा जाल बिछाया था। राय बीपीएससी में सहायक के साथ ही साइंस और टेक्नोलॉजी विभाग में स्टेनोग्राफर रह चुका है।
रामाशीष के तार आयोग के सचिव परमेश्वर राम से भी जुड़े हैं। अब तक इस मामले में पटना और आसपास इलाके से परमेश्वर राम समेत 16 लोगों को दबोचा जा चुका है जबकि नवादा से 19 लोग जेल गए हैं।
रामाशीष की पहुंच ऊपर तक है। इस बात की धौंस रामाशीष ने एसआईटी के सामने भी दिखाई। एसआईटी जैसी उसे गिरफ्तार करने पहुंची उसने राज्य के किसी बड़े नेता को फोन करना चाहा। एसआईटी ने तत्काल रामाशीष का मोबाइल जब्त कर लिया।
सूत्रों की मान तो एसआईटी की सख्ती के बाद उसने कई बड़े नेताओं का हवाला भी दिया। इससे भी बात नहीं बनी तो उसने एक बड़े राजनेता से अपने संबंधों की दुहाई दी। यह भी कहा कि उनपर आय से अधिक संपत्ति का जब मामला चल रहा था तो मैं ही उनका बेलर बना था। हालांकि कि एसआईटी के सामने उसकी एक भी दलील नहीं चली और वह गिरफ्तार कर लिया गया। रामाशीष पर पहले से सीबीआई की जांच चल रही है। विजिलेंस की भी जांच इन पर चल चुकी है।
इसके साथ ही कई स्कैम में भी रामाशीष पर जांच चल रही है। रामाशीष को जानने वाले उसे नौकरी लगाने की फैक्ट्री कहां करते थे। रामाशीष 2004 से 2006 में बीपीएससी के अध्यक्ष रहे रामा सिंहासन राय का भांजा बताया जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो रामाशीष ने तब अपने संबंधों को खूब इस्तेमाल किया था। रामाशीष राय अकूत संपत्ति का मालिक है। निगरानी में रामाशीष के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है। एवीएन स्कूल में भी परीक्षा केंद्र था।
जांच में जुटी एसआईटी का कहना है कि रामाशीष ने अपने लगभग 200 परीक्षार्थियों का एक वाट्सएप ग्रुप बना लिया था। इसी ग्रुप के साथ रामाशीष ने नौकरी दिलाने के नाम पर 12 करोड़ की डिलिंग की थी। रामाशीष और गिरफ्तार अन्य लोगों के मोबाइल में पैसे के लेन-देन का मैसेज भी है।
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