नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के घर चोरी करने वाले चोरों को दिल्ली पुलिस ने पकड़ लिया है।
आरोपियों की पहचान संगम विहार निवासी राजन उर्फ लट्टा (27) , विनोद (29) और सुनील (28) के रूप में हुई है। तीनों भाई हैं। पुलिस ने तीनों को गाजियाबाद के खोड़ा से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से पूरा सामान बरामद कर लिया है।
पुलिस के अनुसार विनोद पर चोरी व लूट के करीब 10 मामले हैं। सुनील पर आठ व राजन पर छह केस दर्ज हैं।
तीन भाई, तीन घरों में चोरी और तीन घंटे रूके
चोरी की घटना को देखें तो तीन आरोपी और तीनों ने तीन घरों में सेंध लगाई और करीब तीन घंटे तक अपार्टमेंट में घूमते रहे। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बीते सोमवार सुबह पुलिस को सूचना मिली कि बीते सोमवार की रात कैलाश सत्यार्थी के कालका जी स्थित कैलाश कॉलोनी के अरावली अपार्टमेंट फ्लैट संख्या-73 में लाखों की चोरी हुई है।
इतना ही नहीं जाते-जाते चोर कैलाश सत्यार्थी के नोबेल पुरस्कार की रेप्लिका भी अपने साथ ले गए थे। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को पता चला की अरावली अपार्टमेंट कैलाश सत्यार्थी के घर के अलावा दो और घरों को निशाना बना गया है। पुलिस ने अपार्टमेंट में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला।
सीसीटीवी में तीन लोग दिखे जो गेट संख्या आठ को फांद कर अंदर घुसे। यह गेट रात में अधिकतर बन ही रहता है। अपार्टमेंट के अंदर आने के बाद तीनों ने एक-एक कर तीन घरों को निशाना बनाया और मौके से फरार हो गए। सीसीटीवी में करीब तीन घंटे की रिकार्डिंग कैद हुई।
बंद घरों को बनाते थे निशाना
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार तीनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह ज्यादातर बंद घरों को ही अपना निशाना बनाते थे। कैलाश सत्यार्थी के घर के बारे में उन्हें कोई पता नहीं था। टीवी देखकर पता चला नोबेल पुरस्कार के बारे में पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्हें कैलाश सत्यार्थी के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था। टीवी में खबर देखने के बाद उन्हें पता चला कि उन्होंने नोबेल पुरस्कार को चोरी किया है।
अपार्टमेंट की हर जगह का था ज्ञान
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कुछ वर्ष पहले अपार्टमेंट के जगह यहां झुग्गी हुआ करती थी। तीनों आरोपी भी पहले यहीं रहते थे। यहां से झुग्गी हटा कर उन्हें संगम विहार में मकान दिया गया। तीनों आरोपियों को अपार्टमेंट के बारे में अच्छी तरह ज्ञान था। इसलिए उन्हें कोई देख नहीं सका। पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपियों ने घटना के बाद करीब 10 बार अपना ठिकाना बदला।
50 से ज्यादा से की पूछताछ
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों के चेहरे दिखाई तो दिए, लेकिन वह ज्यादा साफ नहीं थे। उसके बाद पुलिस ने वर्ष 2016-17 में हुई चोरी के मामलों में आरोपियों की लिस्ट तैयारी की। इस बीच पुलिस ने करीब 50 लोगों से पूछताछ की। इसी बीच पुलिस को लिस्ट में राजन के बारे में पता चला।
पुलिस ने शनिवार शाम को एक गुप्त सूचना पर राजन को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना गुनाह काबूल कर लिया और अपने दोनों भाइयों के बारे में भी बताया। पुलिस ने तीनों की निशानदेही पर तीनों घरों का सामान बरामद किया।