अजमेर। राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ का 22 फरवरी को जयपुर में होने वाला महापडाव ऐतिहासिक होगा। यह महापडाव राजस्थान के मंत्रालयिक कर्मचारियों की बारह सू़त्रीय मांगों के समर्थन में आयोजित किया जाएगा। जिसके लिए पूरे प्रदेश के समस्त मंत्रालयिक कर्मचारी तैयारी कर रहे हैं।
ये विचार सोमवार को राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष पूनमचंद व्यास ने सूचना केंद्र के निकट स्थित एक भवन में संगठन के पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए व्यक्त किएं।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब सरकार हमारी मांगों को पूरा कर दे अन्यथा सरकार को इसका खमियाजा भुगतना पडेगा। व्यास ने बताया कि कई वर्षों से हमारी मांगों को सरकार पूरा नहीं कर रही है। अब हमारे कर्मचारी इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। महापडाव में अपनी मांगों को पूरा करने के बाद ही कर्मचारी वहां से अपने घरों को लौटेंगे।
बैठक का संचालन करते हुए जिला मंत्री नरेन्द्र भारद्वाज ने कहा कि 1998 में सरकार के साथ हुए संगठन के समझौते को 14 साल बाद भी आज तक लागू नहीं किया गया। पूर्व सरकार के दौेरान मिले स्टेषनरी भत्ते आदि भी वर्तमान सरकार ने आते ही बंद कर दिए। जिनसे मंत्रालयिक संवर्ग में खासा रोष है।
सरकार चाहे तो महापडाव से पूर्व संगठन की मांगों को पूरा कर कर्मचारियों के रोष को समाप्त कर ले अन्यथा पूरे राज्य के कर्मचारी महापडाव कर सरकार के समक्ष अपना विरोध व्यक्त करेंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी।
बैठक में उपाध्यक्ष पवन ढिल्लीवाल, नरेंद्र सिंह, मनोज वर्मा, बन्नेसिंह, सखाराम, पुरूषोत्तम तेजवानी, ललित किषोर मिश्रा, प्रदीप सैन, डॉ राजेष टेकचंदानी, मोतीसिंह, दीपेश शर्मा, लक्ष्मणसिंह राठौड, योगेश वर्मा, विवेक पाराशर, राजश्री, धर्मराज जैतावत, कमलसिंह, अब्दूल करीम, देवेंद्र शर्मा आदि ने विश्वास दिलाया कि अजमेर से सैकडों कर्मचारी इस महापडाव में शामिल होंगे।