जयपुर। आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक औषधियों से सेक्स पावर बढ़ाने के नाम पर इन औषधियों में एलोपैथिक औषधि मिलाकर बेचने के मामलों में प्रदेश के औषधि नियंत्रक संगठन ने जयपुर और पटना स्थित कम्पनी में दबिश देकर जांच के लिए 7 नमूने लिए एवं बिना लाइसेंस व स्पूरियस औषधियों के निर्माण का मामला दर्ज कर कार्यवाही प्रारम्भ कर दी है।
औषधि नियंत्रक राजस्थान अजय फाटक ने बताया कि रेनोविज एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, फेडरल एके रोड़ पटना, द्वारा आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक औषधियों में पॉवरफुल एलोपैथिक औषधियों को मिलाकर गैर कानूनी रूप से बेचने की सूचना प्राप्त हुई थी।
उन्होंने बताया कि औषधियों के नमूने लेकर जांच में पाया गया कि इन आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक औषधियों में पॉवरफुल सल्डानिफील नामक एलोपैथिक घटक है। उल्लेखनीय है कि सेल्डानिफील नामक पेटेन्ट औषधि का उपयोग पुरूषों में ईरेक्टाईल डिस्फंक्शन में विशेष चिकित्सकों द्वारा ही प्रिस्काइब करने की अनुमति ड्रग कन्ट्रोल जनरल ऑफ इण्डिया द्वारा दी गयी है।
इस मामले में प्रभावी कार्यवाही करने के लिए गोपनीय रूप से तीन अधिकारियों की एक टीम को बिहार में तथा दूसरी टीम को जयपुर स्थित वितरक पर दबिश देने के लिए भेजा गया।
सहायक औषधिक नियंत्रक दिनेश कुमार तनेजा के नेतृत्व में औषधि नियंत्रण अधिकारी अशोक कुमार मीणा, सिन्धु कुमारी व औषधि निरीक्षक आयुर्वेद डॉ. महेश चन्द शर्मा ने जयपुर में मैसर्स राजकुमार मेडिकल एजेन्सी महालक्ष्मी मार्केट, फिल्म कॉलोनी पर दबिश दी तथा मौके पर सुपर सौनिक कैप्सूल विगौरा। पांच एक्स ड्रॉप, विगौरा हाई पॉवर ड्रॉप, विगौरा—5000, विगौरा—1000 सांडहा ऑयल ऑर्थाविट कैप्सूल बुसटर कैपसूल, हाई पॉवर मूसली औषधियों के कुल 14 नमूने लिए गए तथा शेष स्टॉक की मात्रा की बिक्री पर रोक लगाकर इन्हें फ्रीज कर दिया।
इसकी अनुमानित बाजार कीमत लगभग 2 लाख 25 हजार है। इसी प्रकार सहायक औषधिक नियंत्रक संजय सिंघल के नेतृत्व में सहायक औषधि नियंत्रक राजकमल छीपा व औषधि निरीक्षक (आयुर्वेद) ने औषधि विभाग बिहार की टीम के साथ निर्माता कंपनी के फेडरल एके रोड़, पटना पर दबिश देकर आयुर्वेदिक औषधियों के 4 नमूने व होम्योपैथिक औषधियों के 3 नमूने जांच के लिए हैं।
निर्माता कंपनी पर निर्माण रिकॉर्ड व विक्रय रिकार्ड के संबंध में गंभीर अनियमितताएं किया जाना भी पाया गया है। फाटक ने बताया कि आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक लाइसेंस पर गैर कानूनी रूप से बिना लाइसेंस व स्पूरियस औषधियों के निर्माण के इस प्रकरण में जांच रिपोर्ट प्राप्त होते ही दोषियों के विरूद्ध कठोर व न्यायिक कार्यवाही की जाएगी।