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अमेरिका, रूस, चीन को पछाड भारत ने रचा अंतरिक्ष में इतिहास, लाॅन्च किए 104 सेटेलाइट

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अमेरिका, रूस, चीन को पछाड भारत ने रचा अंतरिक्ष में इतिहास, लाॅन्च किए 104 सेटेलाइट
isro launchs 104 saatelites by pslv c37
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नई दिल्ली। भारत की अंतरिक्ष संस्थान इंडियन स्पेस रिसर्च आॅगेनाइजेशन ने बुधवार को सवेरे 9.28 बजे विश्व इतिहास रचते हुए अंतरिक्ष में एक साथ 104 सेटेलाइट लाॅन्च करने में सफलता हासिल की है। अब तक एक साथ 37 सेटेलाइट लाॅन्च करने का रिकाॅर्ड रूस के नाम था। भारत ने पीएसएलवी सी-37 लाॅन्चिंग व्हीकल से 101 विदेशी और कार्टोसेट 2 जैसे अत्याधुनिक उपग्रह समेत तीन भारतीय उपग्रहों को एक साथ अंतरिक्ष में स्थापित किया।

इसरो के नाम विश्व अंतरिक्ष के इतिहास में वो रिकाॅर्ड जुड गया तो अमेरिका, रूस, चीन समेत विश्व के किसी देश के नाम नहीं है। इसरो का यह मिशन भारत की अंतरिक्ष में एक मजबूत मौजूदगी दर्ज करवाएगा।

अब तक रूस के पास एक साथ सबसे अधिक उपग्रह छोड़ने का रिकॉर्ड है। उसने 37 उपग्रहों को एक साथ प्रक्षेपित कर यह मुकाम हासिल किया था। इसरो ने भी जून 2015 में एक ही स्पेस व्हीकल पर एक साथ 23 उपग्रह प्रक्षेपित कर अपनी काबलियत साबित कर दिया था।
इसरो के इस ऐतिहासिक मिशन में मुख्य उपग्रह 714 किलोग्राम वजन वाला काटोर्सैट-2 सीरीज उपग्रह है जो इसी सीरीज के पहले प्रक्षेपित अन्य उपग्रहों के समान है। कार्टोसेट-2 सीरीज का उपग्रह धरती की निगरानी के इस्तेमाल में आएगा। इसके अलावा दो नैनो उपग्रह आईएनएस-1ए और आईएनएस-1बी को भी कक्षा में स्थापित किया।
-103 नैनो सेटेलाइट
इसरो के इस अभियान में कार्टोसेट के अलावा शेष 103 सेटेलाइट नैनो श्रेणी के सेटेलाइट थे। इसमें इसरो के दो तथा 101 विदेशी अति सूक्ष्म (नैनो) उपग्रह शामिल हैं, इनका कुल वजन 664 किलोग्राम है।
-सबसे ज्यादा अमेरिका के 96 उपग्रह
इसरो का यह कदम अंतरिक्ष व्यापार में सबसे बडी छलांग है। एक लाॅंचिंग व्हीकल से इतने सारे सेटेलाइट लाॅन्च करने से विश्व के छोटे-बडे देशों को अपने सेटेलाइट स्पेस में लाॅन्च करवाना काफी किफायती हो जाएगा। ऐसे में अंतरिक्ष में विदेशी सेटेलाइट लाॅन्च करने के लिए इसरो एक बडे लाॅन्चिंग स्पेस एजेंसी के रूप में सामने आया हैं।

पीएसएलवी सी-37 से अमेरिका के 96 नैनो उपग्रहों के साथ इजरायल, कजाखस्तान, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात के एक-एक उपग्रह लाॅन्च किए गए हैं। इसरो के इस मिशन में सैन फ्रांसिस्को की एक कंपनी के 88 छोटे सैटेलाइट लॉन्च किए गए। 88 छोटे सैटेलाइटों का इस्तेमाल धरती की तस्वीरों के लिए किया जाएगा
-पीएसएलवी का 39 वा मिशन
भारत द्वारा ही विकसित ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान इसरो का सबसे विश्वस्त रॉकेट है। पीएसएलवी-सी 37 इस श्रेणी के रॉकेट का 39वां मिशन होगा। अब तक पीएसएलवी की मदद से 38 मिशन को अंजाम दिया जा चुका है।

इसरो ने इस मिशन में सबसे भारी पीएसएलवी का इस्तेमाल किया है। पीएसएलवी -37 का वजन 320 टन, ऊंचाई 44.4 मीटर है। इसरो का यह रॉकेट 15 मंजिला इमारत जितना ऊंचा है।

 

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