नई दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीतसिंह राम रहीम की फिल्म मेसेंजर आॅफ गाॅड को सेंसर बोर्ड की अनुमति के बिना प्रदर्शित किए जाने के विरोध में सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन समेत आठ सदस्यों ने इस्तीफा भेज दिया है।
इसकी जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भी दे दी है। इनका आरोप है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से सेंसर बोर्ड आॅफ फिल्म सर्टिफिकेट से जुडे अधिकारी बोर्ड के कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप करके भ्रष्टाचार को बढावा दे रहे हैं और अनावश्यक दबाव बना रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सैमसन ने यह आरोप भी लगाया कि पीके फिल्म के मामले में भी बोर्ड पर कई सीन काटने को लेकर दबाव बनाया गया था। उनका आरोप था कि जब किसी फिल्म को यू सर्टिफिकेट जारी किया जाता है तो अधिकारी उसे ए सर्टिफिकेट देने के लिए दबाव बनाते हैं। उनका एक इंटरव्यू में यह आरोप था कि यह स्थिति हर छोटी बडी फिल्म के लिए रहती है। उन्होंने आरोप लगाया था कि सेंसर बोर्ड का मजाक बना दिया गया है और मंत्रालय की ओर से नियुक्त किए गए अधिकारी ही इसे चला रहे हैं।
सैमसन के अलावा इरा भास्कर, लोरा प्रभु, पंकज शर्मा, राजीव मसंद, शेखरबाबू कंचरेला, शाजी करुण, शुभ्रा गुप्ता और टीजी थायगराजन के भी इस्तीफा दिए जाने की जानकारी है। इन सदस्यों ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय को भेजे पत्र में सेंसर बोर्ड के कामकाज में सरकार की दखलअंदाजी सहित भ्रष्टाचार को अपने इस्तीफे का प्रमुख कारण बताया।
वहीं सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धनसिंह राठौड ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि यदि सैमसन या बोर्ड के किसी सदस्य के पास मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से दबाव दिए जाने का कोई पत्र या एसएमएस है तो वह उसे दिखाए। उल्लेखनीय है कि विवादास्पद फिल्म श्एमएसजी’ (मैसेंजर आफ गॉड)श् को फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (एफसीएटी) ने प्रदर्शन के लिए हरी झंडी दे दी है, जबकि पहले सेंसर बोर्ड ने इसकी इजाजत नहीं दी थी ।