नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार का दिल्लीवासियों को समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने वाला राइट आॅफ सिटीजन आॅफ टाइम बाउंड डिलिवरी आॅफ सिर्विसेज बिल पुनर्विचार के लिए वापस भेज दिया है।
इस संबंध में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने बताया कि यह बिल नवंबर, 2015 में पारित किया गया था। इस बिल में प्रावधान किया गया था कि नागरिकों को समय पर सेवाएं नहीं उपलब्ध कराने वाले अधिकारियों की सैलरी में से जुर्माने के रूप में तय राशि आॅटोमैटिक कट जाएगी।
बिल में जुर्माने के रूप में काटी गई सैलरी को मुआवजे के तौर पर आवेदक को देने का प्रावधान भी किया गया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने इस बिल के कुछ पहलुओं पर दोबारा विचार करने के उददेश्य से सरकार के पास भेज दिया है।
सदन में इस बिल को पास करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे आप सरकार एवं दिल्ली के लोगों की बड़ी जीत बताया था। हालांकि इस मुददे पर आप के किसी मंत्री एवं नेता ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।