कोटा। भाजपा विधायक भवानी सिंह राजावत ने शुक्रवार को एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा मैं सामने होता तो ऐसा दुस्साहस करने वाले अधिकारी की गर्दन मरोड़कर उसके हाथ में दे देता।
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता इतने कमजोर नहीं है कि कोई भी उनके हाथ पैर तोड़ दे। हाड़ौती का जांबाज कार्यकर्ता चम्बल का शेर है जो आत्मसम्मान से जीना जानता है।
विधायक राजावत ने कहा कि पुलिस की वर्दी के सम्मान से बड़ा सम्मान जनप्रतिनिधि का है, प्रोटोकॉल में अगर विधायक थाने में जाता है तो थाना इंचार्ज को उसे सेल्यूट मारकर सम्मान से आसन देना चाहिए लेकिन सम्मान की जगह पुलिस अपमान करे।
ढाई लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक के साथ मारपीट करने लग जाए, यह लोकतंत्र के लिए बहुत घातक है।
माना कि विधायक पति ने पुलिस ज्यादती के विरोध में संयम तोड़कर आवेश में थाना इंचार्ज पर हाथ उठा लिया था तो तत्काल उसे गिरफ्तार कर कार्रवाई करते, इसके बजाय आपा खोकर बदले की भावना से वहां प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया।
कार्यकर्ताओं के साथ साथ राहगीरों, दुकानदारों, ठेले वालों और खरीदारी करने वाले आम आदमियों को भी पीटा, यहीं नहीं लाईट बन्द कर कई लोगों के हाथ पैर तोड़ दिए, सिर फोड़ दिया, यह वर्दी का कौन सा कर्तव्य था जिसने यह करतब दिखाया।
आए दिन थानों में निर्दोष लोगों को पीट पीट कर मार देना, इसी कोटा जिले में चेचट थाने मेें ही महिला पुलिस कांस्टेबल से बलात्कार कर उसे मार देना, तब वर्दी का सम्मान कहां चला गया था।
एक थप्पड में तो वर्दी के मान सम्मान की बात याद आ गई लेकिन ऐसे कारनामों पर तो वर्दीधारियों को आत्मचिन्तन भी करना चाहिए कि पुलिस का काम कानून और व्यवस्था को कायम रखना है बेवजह लाठीचार्ज करना नहीं।
लाठी पुलिस को रक्षा के लिए दी गई है ना कि लोगों को पीटने के लिए। गौरतलब है कि इससे पहले रिटायर्ड पुलिस अधिकारी नवनीत महर्षि ने कहा था कि मैं अगर एसएचओ होता तो हाथ उठाने वाले कार्यकर्ता का हाथ तोड़कर उसके हाथ में दे देता।
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