मुंबई। रामगोपाल वर्मा की आने वाली फिल्म ‘सरकार 3’ के लिए संकेत मिल रहे हैं कि इसका भविष्य ठाकरे परिवार तय करेगा। सूत्रों से खबर मिली है कि सेंसर बोर्ड से मंजूरी पाने के लिए रामगोपाल वर्मा को ये फिल्म पहले ठाकरे परिवार को दिखानी होगी।
सेंसर बोर्ड की ओर से कहा गया है कि अगर ये फिल्म ठाकरे परिवार पर आधारित है, तो उनकी ओर से एनओसी (नो आब्जेक्शन सार्टिफिकेट) लाकर जमा कराना होगा। इसके बाद ही सेंसर इस फिल्म को पास करेगा। अगर ये फिल्म ठाकरे परिवार से संबंधित नहीं है, तो फिल्म में डिसक्लेमर लगाना होगा कि ये एक काल्पनिक कहानी पर बनी है।
सरकार 3 में फिल्म के ट्रेलर को लेकर भी यही शर्त लागू की गई है। पहली बार सेंसर बोर्ड ने किसी फिल्म के ट्रेलर के साथ ये शर्त लगाई है। अब रामगोपाल वर्मा को या तो ट्रेलर में डिसक्लेमर लगाना होगा या ट्रेलर ठाकरे परिवार को दिखाकर उनसे एनओसी लेनी होगी।
इस नए फरमान को लेकर सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी की दलील है कि ऐसा करके वे निर्माताओं को परेशानी से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में रिलीज हुईं रंगून और उससे पहले शाहरुख खान की रईस को रिलीज से पहले संकट का सामना करना पड़ा।
इन दोनों फिल्मों में मुख्य किरदारों को लेकर आपत्ति की गई और मामले कोर्ट तक में पंहुचे। रईस को लेकर कहा गया था कि ये फिल्म गुजरात के शराब माफिया अब्दुल लतीफ की जिंदगी पर थी।
रिलीज से पहले लतीफ के परिवार ने मामला कोर्ट में दर्ज किया तो हाल ही में विशाल भारद्वाज की रंगून में कंगना द्वारा निभाए गए जूलिया के किरदार पर भी आपत्ति जताते हुए मुंबई हाईकोर्ट में मामला दर्ज किया गया था।
पहलाज निहलानी का तर्क है कि है अगर कोई निर्माता किसी की जिंदगी पर फिल्म बनाता है, तो सेंसर बोर्ड से पास कराने से पहले उनको उस परिवार से एनओसी लेना होगा वरना काल्पिनक जिंदगी का डिसक्लेमर लगाना होगा। पहलाज की दलील है कि ऐसा होने से फिर कोई फिल्मों के खिलाफ कोर्ट में केस नहीं कर पाएगा।