सागर। भारतीय सेना में पदस्थ एक धर्मगुरु की मौत विवादों में घिर गई है। सेना अधिकारियों ने जहां इसे आत्महत्या बताया, वहीं मृतक के परिजनों ने इसे हत्या बताते हुए जांच की मांग की है।
सोमवार को जब मृत धर्मगुरु का शव सागर पहुंचा, तो परिजनों ने जांच की मांग को लेकर रास्ता जाम कर दिया। दिनेश मिश्रा (35) सेना की ईएमई 623 बटालियन में आरटीजेसीओ (धर्मगुरु) के पद पर रांची (बिहार) में तैनात थे।
दिनेश के भाई सहदेव के अनुसार दिनेश का वर्ष 2010 में सेना में चयन हुआ था। वो कुछ समय से रांची में तैनात थे। धर्मगुरु की हैसियत से वो मंदिर में पूजा-अनुष्ठान के अलावा सेना के जवानों को धर्म के उपदेश देते थे।
25 फरवरी की सुबह ड्यूटी के दौरान दिनेश मिश्रा की मौत हो गई। दिनेश कुमार मिश्रा की मौत को लेकर उनके परिजनों में गहरा आक्रोश है। इसीलिए जब सोमवार को उनका शव सागर पहुंचा, तो परिजनों ने चक्का जाम कर दिया।
सेना के अधिकारी मिश्रा का शव लेकर रांची से सोमवार सुबह करीब 8 बजे सागर पहुंचे। वहां आर्मी बेस में कागजी कार्रवाई के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। सेना के अधिकारियों ने दिनेश की मौत का कारण आत्महत्या बताया, वहीं परिजनों का आरोप है कि, यह सुसाइड नहीं बल्कि हत्या है।
मृतक के छोटे भाई सहदेव मिश्रा का कहना है कि सेना के अधिकारी रांची में दिनेश की पत्नी को लगातार गुमराह करते रहे। पहले उन्हें बताया गया कि उनके पति की तबीयत खराब है। फिर बोला गया कि आप लोग अस्पताल पहुंच जाएं।
आखिर में शाम के समय बताया गया कि उन्होंने सुसाइड कर लिया है। मृतक के परिजनों ने सागर में पैनल पोस्टमार्टम कराने और इस मामले में उनके सीओ की भूमिका की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।