नई दिल्ली। दवा प्रोडक्ट्स की बिक्री बढ़ाने के लिए फार्मा कंपनियों की ओर से डॉक्टरों को महंगे तोहफे देने पर रोक लग सकती है। सरकार इसकी सीमा भी निर्धारित कर सकती है।
फार्मा डिपार्टमेंट इस मामले में जल्द ही मार्केटिंग प्रैक्टिसिज के लिए यूनिफॉर्म कोड जारी कर सकता है। और इस आदेश को नहीं मानने पर लाइसेंस भी रद्द हो सकता है। नए नियम के तहत अब कंपनियां डॉक्टरों को 1000 रुपए तक के महंगे गिफ्ट्स लेने पर रोक लग सकती है।
इसमें सेमिनार के नाम पर विदेश यात्रा, आउटडोर वैकेशंस और महंगे तोहफे और सुविधाएं भी शामिल हैं। यूनिफॉर्म कोड डिपार्टमेंट ऑफ फॉर्मास्युटिकल, ड्रग कंट्रोलर और नेशनल व स्टेट मेडिकल काउंसिल तैयार कर रही है। इसके लिए प्लानिंग पूरी तरह से तैयार है।
फार्मा डिपार्टमेंट जल्द ही इसे लेकर नया नोटिफिकेशन जारी कर सकता है। नए नियम डॉक्टरों, दवा कंपनियों और केमिस्ट, होलसेलर्स और डीलर पर भी लागू होंगे। नियम तोड़े जाते हैं, तो पेनल्टी भी लगाई जा सकती है। डॉक्टर और फार्मा कंपनी दोनों का ही लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
इन नियमों को लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और हेल्थ मिनिस्ट्री से भी चर्चा की गई है। सरकार का मानना है कि डॉक्टरों और फार्मा कंपनियों के मिले होने से मरीज को ना केवल महंगी दवाइयां मिलती हैं, बल्कि उसे परेशानी भी उठानी पड़ती है, क्योंकि कई बार फार्मा कंपनियों के दबाव में डॉक्टर्स वे दवाइयां लिखते हैं, जिनकी जरूरत पेशेंट को नहीं होती है।
उल्लेखनीय है की फार्मा कंपनियों के लिए इस तरह का यूनिफॉर्म कोड 2014 में पहले भी लाया गया था, लेकिन वह प्रभावी रूप से लागू नहीं हो पाया।
इधर इस साल मोदी सरकार ने बजट में इसकी गाइड लाइन को लेकर चर्चा की थी और इस बात का ऐलान किया था कि लोगों को स्तरीय और सस्ती दवाएं उपलब्ध कराई जा सके।