जयपुर। विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी को सदन में नही बोलने के लिए तिवाड़ी नाराज हो गए। इसके साथ ही तिवाड़ी ने अपनी नाराजगी जाहिर होती दिखी।
तिवाड़ी ने सदन में उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह को आसन पर चिट्ठी दी। चिट्ठी देने सरकार और विधानसभा में चर्चा का विषय बन गया है। तिवाड़ी ने सदन में उपाध्यक्ष को चिट्ठी देते ही वे बाहर चले गए लेकिन बाद में बुलाकर विधानसभाध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने बुलाया और इस विषय पर चर्चा की।
चिट्ठी देने के साथ ही विधानसभा में चर्चा हुई और तिवाड़ी को बुलाने के लिए इधर उधर भागते नजर आए। मंगलवार को प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में सबसे पहले बोलने के लिए सांगानेर विधायक तिवाड़ी का नंबर था।
लेकिन तिवाड़ी का कहना है कि स्वयं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इशारे पर संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ ने उनका नाम लिस्ट में से हटाकर दूसरे विधायक और विधानसभा में उपनेता प्रतिक्ष रमेश मीणा को बोलने का समय दे दिया। इसके बाद विधानसभा में काग्रेस के रमेश मीणा बोले तो तिवाड़ी बिफर गए।
बाद में तिवाड़ी को बुलाकर विधानसभाध्यक्ष मेघवाल ने समझाइश की। समझाइश के बाद तिवाडी को बुधवार को बोलने का समय जाएगा।
गौरतलब है कि सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने पिछले तीन सालों में भाजपा प्रदेशध्यक्ष अशोक परनामी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ बोल रहे है। इसके कारण वह सदन में भी सरकार के खिलाफ बोलते इसके लिए तिवाड़ी को समय नहीं दिया गया।